New Dehli – सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने निर्भया के दोषियों को फांसी की निंदा की।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंची पाटकर ने कहा कि 146 राष्ट्रों में फांसी की सजा बंद कर दी गई है, ऐसे में भारत देश से भी फांसी के बजाय उम्रकैद की सजा ही देनी चाहिए।
पाटकर ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर का विरोध किया। कहा कि यह मुस्लिम ही नही, हर वर्ग के लिए काला कानून से कम नही है।
उन्होंने 15 दिसम्बर को जेएनयू कैम्पस में हुए बवाल की निंदा की। बवाल के दौरान पुलिस ने जिस होस्टल में घुसकर आंसू गैस के गोले छोडे थे, उस होस्टल में पहुंचकर छात्रो से बातचीत कर हाल जाना।