वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 25 मार्च से देश में हुए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से मॉल पूरी तरह से बंद हो गए थे।
जिन्हें अनलॉक के पहले चरण की गाइडलाइन्स के अनुसार 8 मई को खोला जा सकता है। लेकिन भारतीय मॉल्स को अब एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि मॉल मालिकों और 350 ब्रांडों के खुदरा विक्रेताओं के बीच लड़ाई छिड़ गई है। खुदरा विक्रेताओं ने कहा कि किराए में छूट और नया किराया समझौते की मांग पूरी नहीं हुई तो वह मॉल को अलविदा कह सकते हैं।
इस, कदम के बाद खुदरा विक्रेताओं को उम्मीद है कि उनकी मदद की जाएगी। हालांकि आगे क्या होता है अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। लगभग 2 महीने से अधिक समय से जारी लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ही सरकार ने अनलॉक-1 की शुरुआत की है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्यूचर रिटेल के एमडी राकेश बियानी ने कहा कि हम मदद के बिना सर्वाइव नहीं कर पाएंगे और अगर हमारी मदद नहीं हुई तो आगे नौकरियों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक बड़े वैश्विक परिधान ब्रांड के एक सीईओ ने बताया कि खुदरा विक्रेताओं ने मॉल मालिकों से एक प्रस्ताव का अनुरोध किया है।
कोविड-19 महामारी का व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए खुदरा विक्रेताओं ने मॉल मालिकों से किराये को फिर से ड्रा करें। 25 मई से जारी लॉकडाउन के चलते मॉल बंद हैं। ऐसे में उद्योग संगठनों, खुदरा विक्रेताओं और मॉल के मालिकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार जल्द से जल्द शॉपिंग मॉल के संचालन की अनुमति प्रदान करें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुदरा विक्रेताओं ने एक अल्टीमेटम जारी करते हुए साफ कर दिया है
कि जब तक स्पष्ट सौदा नहीं हो जाता है तब तक हम अपने स्टोर्स नहीं खोल सकते। आपको बता दें कि महज बेंगलुरू के फोरम मॉल ने ही अभी तक किराये में कुछ राहत दी है। जबकि बड़े मॉलों की तरफ से अभी कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है।