गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ खेलों का समापन हो चुका है। भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार 2014 के ग्लास्गो खेलों से बेहतर प्रदर्शन किया है। भारतीय दल की मनिका बत्रा ने अलग-अलग इवेंट्स में 4 मेडल जीतकर इतिहास रचा दिया। कॉमनवेल्थ खेलों में ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं। मनिका भारत की नंबर एक महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। लेकिन फिर भी वह खेल प्रेमियों के बीच उतनी पॉपुलर नहीं थीं।
जितनी मेरी कॉम, साइना और सिंधु जैसी महिला खिलाड़ी हैं। लेकिन इस बार कॉमनवेल्थ खेलों में मनिका ने अपने दमदार खेल से हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। 22 साल की मनिका ने न सिर्फ टेबल टेनिस के महिला सिंगल्स में गोल्ड जीता, बल्कि महिलाओं की टीम इवेंट में गोल्ड, महिला डबल्स मुकाबले में सिल्वर और मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यानी उनकी झोली में 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल आए। मनिका दिल्ली की रहने वाली हैं, तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी मनिका ने पहली बार 4 साल की उम्र टेबल टेनिस रैकेट पकड़ा और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। मनिका कई बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।
देश भर में आज मैरीकॉम, सिधु और साइना की तरह मनिका बत्रा की चर्चा है। लेकिन ये मुकाम हासिल करने के लिए उन्हें बहुत कुछ दांव पर लगाना पड़ा है। यहां तक कि उन्हें अपने गेम पर फोकस करने के लिए कॉलेज और मॉडलिंग भी छोड़नी पड़ी। यह बात खुद मनिका ने बताया था कि कैसे उन्होंने टेबिल टेनिस पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के लिए कॉलेज क्लासेस तक छोड़ी थीं।