Bhopal News- किसी शहर की संस्कृति और सभ्यता इसमें बसने वाले लोगों के व्यवहार से ही परिलक्षित होती है। सिर्फ मीठा खाना और मीठा बोलना ही मायने नहीं रखता, बल्कि अपने मेहमानों के लिए जताए गए अपनेपन के जज्बे की खुश्बू भी लोग लौटते समय अपने साथ लेकर जाएं तो बात बनती है।
राजधानी भोपाल से कोलकाता पहुंचे कलाकारों का एक दल इन्हीं सुखद अहसास से ओतप्रोत दिखाई दे रहा है। रंगकर्म संस्था रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट पिछले कुछ दिनों से कोलकाता में मौजूद है। यहां आयोजित नेशनल ड्रामा फेस्टिवल में विशेष प्रस्तुति के लिए ये दल पहुंचा है। 4 दिवसीय इस फेस्टिवल में देशभर के कलाकारों के बीच बांग्लादेश का थिएटर ग्रुप भी पहुंचा है। रंग मोहल्ला सोसायटी मप्र से शामिल होने वाला इकलौता ग्रुप है। संस्था के कलाकार आर्यन रघुवंशी, विशाल चतुर्वेदी, सुरेंद्र वानखेड़े, अदनान ख़ान आदि ने इस फेस्टिवल में नाटक कॉफी हाउस की प्रस्तुति दी। इस हिंदी नाटक को बंगाली दर्शकों ने खूब सराहा भी इसके लिए बड़ा उत्साह भी दिखाया।
जो मिला, प्यार से मिला
रंग मोहल्ला सोसायटी के सचिव और नाटक कॉफी हाउस (Natak Coffee House) के निर्देशक अदनान खान बताते हैं कि रसो गुल्ला की मिठास लेकर चलने वाले बंगाली लोग अपने शहर आए मेहमानों के लिए खुला दिल रखते हैं। अपनेपन का आलम यह था कि लोग अपने व्यस्त समय से कुछ वक्त निकालकर कलाकारों से मुलाकात करने आए। कोलकाता की प्रसिद्ध होटल कावेरी के संचालक सैबल दा ने अपनी आत्मीयता ऐसे भी निभाई कि वे मप्र के कलाकारों से मुलाकात के लिए कार्यक्रम स्थल तक आए। बाद में इन सभी को अपने होटल पर खास दावत पर आमंत्रित किया। कला प्रेमी सौरव चट्टोपाध्याय भी प्रदेश के कलाकारों से आत्मीयता से मिले। साथ में तस्वीरें भी ली और बाद में इनको सोशल मीडिया पर सम्मान के साथ डिस्प्ले भी किया।
गहरा होता जा रहा नाता
अदनान कहते हैं कि पिछले पांच सालों में वे कई प्रोजेक्ट लेकर कोलकाता पहुंचे हैं। जब जब यहां जाते हैं मुहब्बत से भरे लोगों के इस शहर से नाता और गहरा होता जाता है। अदनान कहते हैं कि कलाकार की असल कमाई और पूंजी दर्शकों से मिलने वाला रिस्पॉन्स ही होता है। इस शहर से मिली आत्मीयता का जादू ये है कि वे बार बार यहां आना चाहते हैं।