“Ficus tree” रामपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित पीपल का विशालकाय पेड़ न केवल अपनी विशालता के लिए जाना जाता है, बल्कि लोगों की आस्था का केंद्र भी है। 500 वर्ष पुराना यह पेड़ अपनी मजबूत जड़ों और फैली हुई छाया से लोगों को गर्मी और बारिश से बचाता है।
स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार, इस स्थान पर पहले रोशनबाग नाम का गांव हुआ करता था। स्वतंत्रता के बाद, पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को यहां बसाया गया और इस क्षेत्र का विकास हुआ। रेलवे स्टेशन के निर्माण के बाद, लोगों ने स्टेशन के पास पीपल के पेड़ के बगल में एक मंदिर बनाने का फैसला किया।
लगभग 150 साल पहले बना यह मंदिर बजरंगबली, शनिदेव, शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित है। लोगों का मानना है कि यहां मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए कलावा बांधते हैं और मनोकामना पूर्ण होने पर घंटा और कपड़ा चढ़ाते हैं। हर शनिवार, ग्रामीण पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर और पेड़ के पास इकट्ठा होते हैं।
जो लोग रामपुर से दूसरे शहरों में चले गए हैं, वे भी इस मंदिर में आकर माथा टेकते हैं। इस पेड़ और मंदिर में एक अजीब आकर्षण है जो लोगों को बार-बार यहां खींचता है।
यह पीपल का पेड़ न केवल पर्यावरणीय महत्व रखता है, बल्कि लोगों के जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आस्था, एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है।