बिहार: बिहार में रेल हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा घटना में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई, जिससे रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यह हादसा राज्य में पिछले 2 महीनों में होने वाली 15वीं रेल दुर्घटना है, जिससे लोगों में चिंता और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
इस लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बीच सवाल उठ रहा है कि आखिर इसकी “Accountability” किसकी है? रेलवे अधिकारियों और सरकार पर “Rail Safety” को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यात्रियों के लिए “Passenger Safety” को प्राथमिकता देने की मांग जोर पकड़ रही है, जबकि सरकार और रेलवे प्रशासन पर “Infrastructure Maintenance” और “Operational Efficiency” को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है।
सोशल मीडिया पर भी #RailAccident और #BiharTrainAccident जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं, जिसमें लोग हादसे की जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रहे हैं। क्या इन हादसों के पीछे “Human Error” है या “Systemic Failures”? यह प्रश्न अब हर किसी के मन में गूंज रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद रेलवे ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही “Railway Reforms” की घोषणा की संभावना है। लेकिन, इन सभी वादों के बीच आम लोगों की सुरक्षा की गारंटी कब होगी, यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।