वुहान (चीन) 27 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज यहां बहुप्रतीक्षित अनौपचारिक शिखर बैठक में अहम द्विपक्षीय और अंतरार्ष्ट्रीय मसलो पर बातचीत की।
चीन के हुबेइ प्रांत के प्रमुख औद्योगिक शहर वुहान के हुबेई प्रांतीय संग्रहालय परिसर में ईस्ट लेक गेस्ट हाउस में दोपहर बाद दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। चीनी राष्ट्रपति ने श्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर दोनों नेताओं ने भारत एवं चीन के द्विपक्षीय संबंधों की सुदृढ़ करने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया। इस मुलाकात में दोनों ओर से अनुवादक मौजूद थे।
श्री मोदी ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत एवं चीन दोनों की विशेषता रही है कि दोनों संस्कृतियों का विकास नदियों के किनारे हुआ है। इसका पांच हजार साल का इतिहास है। उन्होंने कहा कि वुहान शहर में उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अध्ययन दौरे पर आने का अवसर मिला था। थ्री गोर्जेस बांध के निर्माण को जिस तेजी से और जिस पैमाने पर बनाया गया था, उससे वह बहुत प्रभावित हुए थे। उन्होंने हर बात को बहुत बारीकी से देखा था। उन्होंने चीन द्वारा जलीय मार्गों के विकास की भी सराहना की।
चीनी राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री ने संग्रहालय में मार्कीज़ यी की झेंग सांस्कृतिक अवशेष एवं विरासत पर एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। शाम को होने वाली बातचीत में दोनों ओर से प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं। शाम की बैठक के बाद चीनी राष्ट्रपति श्री मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।
श्री मोदी वुहान में तड़के पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी के लिए हुबेई प्रांत के प्रशासक और चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावाले मौजूद थे।
कल दोनों नेता ईस्ट लेक के किनारे टहलते हुए बातचीत करेंगे और नौकाविहार भी करेंगे। श्रह जिनपिंग कल दोपहर के भोज का भी आयोजन करेंगे।
श्री मोदी ने चीन रवाना होने से पहले अपने वक्तव्य में कहा था कि राष्ट्रपति शी और वह द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के अनेक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। हम राष्ट्रीय विकास के लिए हमारी दूरदर्शिता और प्राथमिकताओं, खासतौर से वर्तमान और भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के बारे में बातचीत करेंगे और रणनीतिक और दीर्घकालिक संदर्भ में भारत-चीन के संबंधों की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस शिखर सम्मेलन के लिए श्री मोदी की यात्रा को देखते हुए संग्रहालय को बंद कर दिया गया है। संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर एक संदेश में लोगों को सूचित किया गया है कि उपकरणों के रखरखाव के कारण संग्रहालय को चार दिनों के लिए बंद किया गया है। संग्रहालय की सीढ़ियों पर लाल कालीन बिछाये गये हैं।