घरेलू उपाय -हिचकी आना आम बात है यह कभी भी भी आ सकती है
अगर आपको ये लगातार आए तो यह एक तरह की बीमारी हो सकती है। ऐसे में अगर घरेलू उपायों के बाद भी हिचकी नही रुके तो डॉक्टर से सलाह लें। हिचकी आने के कारण हैं । अधिक मिर्च मसालेदार व्यंजन खाने के बाद या हड़बड़ी में खाना खाने के बाद अचानक ही हिचकी आने लगती है।
हिचकी आने की मूल वजह भोजन के कणो का श्र्वसन नलिका में फंस जाना होता है।
हमारे शरीर मे पेट और छाती के बीच मे पारटिशन बनाने के लिए एक उदरपटल होता है।
सांस लेते समय जब हम हवा खींचते हैं तब गुंबद के आकार का उदरपटल नीचे की ओर खींचता है जिससे छाती फूलती है और हवा के लिए जगह बनती है।
बद्धहज़मी होने पर भी हिचकी आने लगती है। गुर्दो मे सूजन होने पर भी हिचकी आती है जुकाम ,टाइफाइड ,हेजा व उदर रोगो से भी हिचकी आने लगती है। लगातार हिचकी आने से सांस लेने मे बहुत कठिनाई होती है।
ऐसे तो हिचकी आने पर हम हमेसा पानी पी लेते है। ये सही भी है और आसान तरीका भी है। लेकिन कभी कभी ये आसान उपाय करने के बाद भी हिचकी नहीं रुखती है। हिचकी रोकने के कई उपाय है जो आपके बहुत काम आ सकते हैं।
थोड़ी सी शक्कर खा लें। आप इसे मक्खन के साथ भी खा सकते हैं। चीनी डायाफ्राम की असहजता को दूर करके हिचकी बंद कर देती है।अगर आपको हिचकी आ रही है तो कुछ देर के लिए सांस रोक लीजिये जिससे मस्तिस्क तक ऑक्सिजन नहीं पहुचेगा और डायाफ्राम ठीक हो जाएगा।
खट्टी चीजे जैसे नींबू,सिरका इत्यादि को सेवन भी हिचकी ठीक करता है।
जब भी हिचकी आए धीरे धीरे पानी पीयें अगर हल्की हिचकी होगी तो तुरंत हिचकी रुक जाएगी।
प्याज को काट के धो ले फिर इसमे नमक डालकर खा ले हिचकी आना बंद होने लगेगी।
अगर बहुत ज्यादा ही हिचकी आती हो तो हींग को केले या गुड के साथ मिलाकर खाये। हिचकी एकदम बंद हो जाएगी।तुलसी के पत्तों का रस बनाकर ६ ग्राम शहद के साथ लेने से हिचकी रुक जाती है।
अगर तेज हिचकी आ रही हो तो पुदीने का सेवन शक्कर के साथ करें।
सेंधा नमक,काला नमक और रोजाना उपयोग में आने वाला नमक इन सबको बराबर मात्रा मे लेकर पीस ले फिर गरम पानी के साथ लेने से हिचकी बंद हो जाएगी।
देशी घी को थोड़ा थोड़ा कर के पी लेने से भी हिचकी रुक जाती है।
गन्ने का रस पीने से भी हिचकी रुक जाति ते है।