पेट्रोल की कीमत
कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेट्रोल की कीमतों का इस्तेमाल ‘एक औजार के रूप में’ भाजपा को चुनावों में फायदा पहुंचाने के लिए कर रहे हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों को कम से कम उस स्तर पर रखा जाए जितने वे कर्नाटक चुनावों के दौरान थे। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने संवाददाताओं से कहा कि पेट्रोल व डीजल की कीमतें पांच साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं। यदि सरकार कर्नाटक चुनावों के दौरान पेट्रोलियम की कीमतें नियंत्रित कर सकती है तो लोगों के हित में ऐसा साल भर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर वह (मोदी) कर्नाटक के चुनावों के दौरान अपने हित के लिए कीमत (पेट्रोल और डीजल की कीमत) को नियंत्रित कर सकते हैं, तो वह अब और पूरे साल सार्वजनिक हित में ऐसा क्यों नहीं कर सकते? इसका मतलब है कि उनके लिए ईंधन की कीमत चुनावी लाभ पाने का सिर्फ एक उपकरण है।”
उन्होंने कहा, “भारत के लोगों के वास्ते, अगर आप कीमतों को कम नहीं कर सकते तो कम से कम नियंत्रित करें। मोदी को अपने राजनीतिक हितों पर जनता के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प ने रविवार को तेल की कीमतें बढ़ा दी। लगातार सातवें दिन दाम बढ़ने से दिल्ली में इसकी कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच गई। कर्नाटक चुनाव के दौरान 20 दिन तक दाम नहीं बढ़ाए गए थे। चुनाव खत्म होने के बाद रोजाना दाम बढ़े हैं।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76.24 रुपये प्रति लीटर हो गई है। अब यह 14 सितंबर 2013 के उच्चतम स्तर 76.06 रुपये को पार कर गई है। आईएएनएस