तेलंगाना के भद्राचलम ब्रिज पर एक ऐसा AI सिस्टम लगाया गया है, जो संदिग्ध गतिविधियों को डिटेक्ट कर पुलिस को अलर्ट भेजेगा। यह सिस्टम गाड़ियों के नंबर प्लेट को स्कैन करता है और ड्रग्स तस्करी जैसे मामलों में तुरंत सूचना देता है। इसके अलावा, इसे भविष्य में और एडवांस करने की योजना बनाई जा रही है।
कैसे काम करता है यह AI सिस्टम?
इस AI सिस्टम का नाम AccessGenie है, जो दिखने में आम CCTV कैमरे जैसा लगता है।
हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी बिल्कुल अलग है और यह संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखता है।
यह गाड़ियों के नंबर प्लेट स्कैन करता है, जो बार-बार एक ही रास्ते से गुजरती हैं।
बिना वजह रुकने या धीमी गति से चलने वाली गाड़ियों को भी यह तुरंत डिटेक्ट करता है।
जैसे ही कोई संदिग्ध हरकत होती है, यह पुलिस को SMS, ई-मेल या व्हाट्सएप पर अलर्ट भेज देता है।
पुलिस को क्यों पड़ी AI सिस्टम की जरूरत?
ड्रग डीलर्स को पकड़ने के लिए पुलिस को पहले CCTV फुटेज पर घंटों नजर रखनी पड़ती थी।
गाड़ियों की रेंडम चेकिंग करनी पड़ती थी, जो काफी टाइम लेने वाली प्रक्रिया थी।
कई बार CCTV फुटेज से जरूरी गतिविधियां छूटने का खतरा भी रहता था।
इसी वजह से AccessGenie जैसे AI सिस्टम की जरूरत महसूस हुई, जो खुद ही संदिग्ध गतिविधियां पहचानकर तुरंत पुलिस को अलर्ट भेजेगा।
इससे पुलिस का काम आसान हो गया है और समय पर सटीक कार्रवाई संभव हो पाती है।
डुप्लीकेट नंबर प्लेट को भी पकड़ेगा
AccessGenie AI सिस्टम नकली या डुप्लीकेट नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को भी डिटेक्ट कर सकता है। वहीं, ये सिस्टम उन गाड़ियों पर भी नजर रखता है जो अवैध गतिविधियों के लिए नदी के रास्ते का गलत इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा, यह सिस्टम पुलिस का काम आसान बनाता है, न कि उसे रिप्लेस करता है। पुलिस को सटीक जानकारी मिलने से उनकी कार्रवाई तेज हो जाती है।
TGANB की आधिकारिक वेबसाइट देखें : https://tganb.tspolice.gov.in/tsnab-structure/
AI सिस्टम को और एडवांस बनाया जाएगा
अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में इस सिस्टम में फेशियल रिकग्निशन (चेहरा पहचानने की तकनीक), गनशॉट डिटेक्शन और डीप बिहेवियर एनालिसिस जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी जोड़ी जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस अपराध पर और भी सख्ती से लगाम लगा सकेगी। इसी तरह, यह हाइब्रिड सिस्टम पुलिस और टेक्नोलॉजी के मिलकर काम करने का बेहतरीन उदाहरण बनेगा।