धर्मांतरण विवाद के बीच पार्षद ने छोड़ी AIMIM
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) की पार्षद अरुणा उपाध्याय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति ने फंड लेकर जबरन धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाए।
साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई।अरुणा ने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय, हैदराबाद को भेजा है।
पार्षद पद पर बनी रहेंगी
अरुणा उपाध्याय ने कहा कि वह सिर्फ पार्टी छोड़ रही हैं, लेकिन पार्षद पद पर बनी रहेंगी।उनका कहना है कि पति से विवाद की वजह भी AIMIM में उनकी सक्रियता रही है।
इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश कोर कमेटी से भी इस्तीफा दे दिया है।
पति पर गंभीर आरोप, तलाक की अर्जी
अरुणा ने बताया कि उनके पति श्यामलाल उपाध्याय 2022 से उन्हें पद छोड़ने का दबाव दे रहे थे।जब उन्होंने मना किया, तो पति ने धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
इसी वजह से उन्होंने तलाक का केस दायर किया और पुलिस अधीक्षक को शिकायत भी की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी सफाई
प्रेस वार्ता में अरुणा ने कहा, “मैंने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया और न ही किसी से करवाया है।”
उन्होंने बताया कि यह आरोप पारिवारिक विवाद का हिस्सा है। उनके अनुसार, पार्टी छोड़ना उनका व्यक्तिगत निर्णय है।
मुस्लिम बहुल इलाके में भी जीत दर्ज की
2022 के निकाय चुनाव में उन्होंने वार्ड क्रमांक 2 से जीत दर्ज की थी।
भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों को उन्होंने पीछे छोड़ा।70% मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में जीत पाना चर्चा का विषय बना।
उन्हें कुल 643 वोट मिले थे। भाजपा को 612 और कांग्रेस को 498 वोट प्राप्त हुए।
AIMIM की पहली हिंदू महिला पार्षद
अरुणा AIMIM से मध्य प्रदेश की पहली हिंदू महिला पार्षद बनी थीं। उनकी जीत के समय यह खबर राष्ट्रीय सुर्खियों में रही थी।
अब इस्तीफे के बाद एक बार फिर वह चर्चा में हैं।
निष्कर्ष
अरुणा उपाध्याय का इस्तीफा सामाजिक और राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है।
जहां वह पार्षद पद पर बनी रहेंगी, वहीं AIMIM को संगठनात्मक नुकसान हो सकता है।