एयर इंडिया ने मंगलवार को बताया कि उसने अपने सभी बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग सिस्टम की जांच पूरी कर ली है।
यह जांच 12 जुलाई से शुरू हुई थी और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की तय समय-सीमा के अंदर पूरी कर ली गई।
इसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस के बोइंग 737 विमान भी शामिल थे।
कंपनी ने कहा कि जांच में किसी भी विमान में कोई समस्या नहीं पाई गई। DGCA को इसकी जानकारी दे दी गई है।
एयर इंडिया ने जोर देकर कहा कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
एयर इंडिया की ये जांच क्यों हुई?
यह कदम 12 जून 2025 को हुई एक बड़ी विमान दुर्घटना के बाद उठाया गया।
उड़ान AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जो उड़ान के कुछ देर बाद कई इमारतों से टकरा गया।
इस हादसे में 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई। इसके अलावा, जमीन पर भी कई लोगों की जान गई।
कुल मिलाकर करीब 260 लोग मारे गए।
सिर्फ एक ब्रिटिश नागरिक बच पाया, जिसने आपातकालीन द्वार से बाहर निकलकर जान बचाई।
शुरुआती जांच में क्या सामने आया?
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उड़ान भरने के तुरंत बाद, फ्यूल स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ की स्थिति में चला गया।
इसके चलते दोनों इंजनों का थ्रस्ट बंद हो गया, और विमान नीचे गिरने लगा।
रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि यह सब सिर्फ एक सेकंड में हुआ।
कॉकपिट में मौजूद दोनों पायलट हैरान रह गए।
एक ने दूसरे से पूछा – “तुमने कटऑफ क्यों किया?” जवाब मिला – “मैंने नहीं किया।”
इससे साफ है कि या तो तकनीकी खराबी हुई या मानव त्रुटि। अभी इसकी गहराई से जांच जारी है।
DGCA का आदेश
AAIB की रिपोर्ट के बाद, DGCA ने 14 जुलाई को आदेश जारी किया।
देश की सभी एयरलाइनों को कहा गया कि वे 21 जुलाई तक अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच करें।
इस जांच को FAA (अमेरिकी विमानन एजेंसी) द्वारा 2018 में दिए गए तकनीकी सर्कुलर के अनुसार किया जाना था।
हालांकि तब इसे अनिवार्य नहीं किया गया था, लेकिन अब DGCA ने इसे जरूरी कर दिया है।
एयर इंडिया की सतर्कता और तैयारी
एयर इंडिया ने अपने पायलटों और तकनीकी टीम को सतर्क रहने को कहा है।
कंपनी ने कहा –
“अगर ऑपरेशन के दौरान कोई समस्या हो, तो उसे तकनीकी लॉग में तुरंत दर्ज करें और रिपोर्ट करें। जरूरत पड़ने पर ‘कोरुसन टूल’ का उपयोग करें।”
साथ ही, एयर इंडिया ने यह भी बताया कि सभी बोइंग 787-8 विमानों के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल भी बदले गए हैं।
मुख्य बातें एक नजर में:
- एयर इंडिया ने 12 जुलाई से स्वैच्छिक जांच शुरू की थी।
- बोइंग 787 और 737 विमानों के FCS लॉकिंग सिस्टम की जांच पूरी हुई।
- DGCA के 14 जुलाई के निर्देश के अनुसार यह समय पर पूरा किया गया।
- AI171 हादसे में शुरुआती रिपोर्ट में फ्यूल स्विच अपने आप कटऑफ में चला गया, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
- सभी एयरलाइनों को 21 जुलाई तक विस्तृत जांच रिपोर्ट जमा करनी है।
- एयर इंडिया ने क्रू को सतर्क रहने और गड़बड़ी की तुरंत रिपोर्ट करने को कहा है।
AI171 विमान हादसे के बाद, एयर इंडिया ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तेजी से कार्रवाई की है।
जांच से यह भरोसा बनता है कि कंपनी भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार है।