अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट पर विवाद
Air India के विमान हादसे की शुरुआती रिपोर्ट के बाद अमेरिकी मीडिया ने एक चौंकाने वाला दावा किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि कैप्टन ने उड़ान के दौरान फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी।
सरकारी सूत्रों का बयान: रिपोर्ट भ्रामक
CNN-News18 को सरकारी सूत्रों ने बताया कि पायलटों की कॉकपिट बातचीत को गलत तरीके से पेश किया गया है।
वहीं, इस तरह की रिपोर्ट को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया गया है।
इसके अलावा,उन्होंने यह भी कहा कि सीनियर पायलट सुमीत सभरवाल पर किसी तरह का दबाव या गलती साबित नहीं हुई है।
वॉल स्ट्रीट रिपोर्ट में क्या कहा गया ?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया कि फर्स्ट ऑफिसर ने उड़ान के कुछ सेकंड बाद ही,कैप्टन से फ्यूल कटऑफ स्विच को लेकर सवाल किया था।
हालांकि,अभी तक की जांच में ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई है कि हादसे की वजह पायलट की गलती थी।
पहले से मौजूद तकनीकी खामी ?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे से पहले दिल्ली-अहमदाबाद रूट पर इसी विमान में,”स्टेबलाइजर पोजिशन ट्रांसड्यूसर डिफेक्ट” दर्ज की गई थी।
दूसरी तरफ, यह एक गंभीर तकनीकी खामी मानी जाती है जो उड़ान नियंत्रण पर असर डाल सकती है।
FIP ने जताई जांच प्रक्रिया पर आपत्ति
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने भी इस मामले में असंतोष जताते हुए कहा कि, बिना पूरी जांच के किसी को दोषी ठहराना जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदाराना होगा।
CEO का स्पष्टीकरण
Air India के CEO कैंपबेल विल्सन ने कहा कि,शुरुआती जांच में किसी मैकेनिकल या मेंटेनेंस से जुड़ी कोई चूक नहीं मिली है।
इसी बीच, सभी संबंधित पक्षों से अफवाहों और अटकलों से बचने की अपील की गई है।
निष्कर्ष : सोच-समझकर सामने आए तथ्यों को स्वीकारें
इसलिए,रिपोर्ट आने से पहले किसी पायलट या टेक्निकल टीम को दोषी ठहराना न सिर्फ गलत है,बल्कि जिम्मेदारी से भागना भी है।
इसी तरह, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुँचना समझदारी होगी।