(All India Muslim Women’s Personal Law Board) एआईएमडब्ल्यूपीएलबी की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने बताया कि मस्जिद का निर्माण मुस्लिमों द्वारा उनकी ईमानदारी के पैसे से खरीदी गई जमीन पर बनाया जा सकता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ((All India Muslim Women’s Personal Law Board)) निकाय बाबरी मस्जिद के बदले में मुसलमानों को दिए गए पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने के पक्ष में नहीं है।
बता दे की उन्होंने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)के फैसले का सम्मान करते हैं और पांच एकड़ जमीन को स्वीकार करते हैं। हालांकि, हम चाहते हैं कि इस पर अस्पताल, स्कूल और रोजगार उत्पन्न करने वाले प्रतिष्ठान स्थापित किए जाएं, ताकि समुदाय को इससे लाभ मिल सके। इससे वास्तव में मुसलमानों सहित सभी समुदायों को लाभ होगा और देश में डॉ. ए. पी. जे. (Dr. A. P.J.)अब्दुल कलाम और कल्पना चावला(Abdul Kalam and Kalpana Chawla) जैसी उपलब्धियां हासिल होगी।
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी गई पांच एकड़ भूमि के उपयोग पर अधिक से अधिक मुस्लिम अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
प्रख्यात कवि मुनव्वर राणा ने मंगलवार को सुझाव दिया कि अयोध्या के धनीपुर गांव में स्थित भूमि पर भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण किया जाना चाहिए।
उन्होंने मस्जिद के निर्माण के लिए रायबरेली में अपनी जमीन की पेशकश की।