अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद भारतीय उपभोक्ताओं का गुस्सा बढ़ गया है। अब कई लोग अमेरिकी ब्रांड्स के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। इसमें शामिल बड़े नाम:
McDonald’s
Coca-Cola
Amazon
Apple
चूंकि भारत इन ब्रांड्स के लिए एक विशाल बाजार है, अगर बहिष्कार तेज हुआ तो इन कंपनियों के कारोबार पर असर पड़ सकता है।
भारत में अमेरिकी ब्रांड्स की मजबूत पकड़
अमेरिकी कंपनियों की भारत में मौजूदगी बहुत बड़ी है, जैसे:
WhatsApp – दुनिया में सबसे ज्यादा यूज़ भारत में।
Domino’s – सबसे अधिक आउटलेट भारत में।
Pepsi और Coca-Cola – लगभग हर शहर में बिक्री।
Apple Stores और Starbucks – मेट्रो शहरों में ग्राहकों की लंबी कतारें।
https://tariffauthority.gov.in/
— Tariff Authority for Major Ports (TAMP), भारत सरकार, जो प्रमुख बंदरगाहों पर टैरिफ निर्धारण का आधिकारिक स्रोत है।
टैरिफ विवाद और रिश्तों में खटास
पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया।
कुछ दिनों पहले इसमें और 25% की बढ़ोतरी की गई।
अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लागू है।
इसके चलते भारत-अमेरिका के रिश्तों में तनाव आ गया।
सोशल मीडिया पर ‘मेड इन इंडिया’ को अपनाने की अपील बढ़ रही है।
उद्योगपतियों और उद्यमियों की राय
मनीष चौधरी (Wow Skin Science Co-Founder)
भारतीय किसानों और स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने की अपील।
‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट्स को ग्लोबल पहचान दिलाने पर जोर।
साउथ कोरिया के फूड और ब्यूटी प्रोडक्ट्स का उदाहरण।
राह्म शास्त्री (CEO, DriveU)
भारत को अपने सोशल मीडिया और टेक प्लेटफॉर्म बनाने चाहिए।
गूगल, ट्विटर, व्हॉट्सऐप जैसे विकल्प विकसित करने की सलाह।
स्थानीय ब्रांड्स के लिए अवसर
Starbucks जैसे इंटरनेशनल ब्रांड्स से मुकाबला कर रहे भारतीय ब्रांड्स को अभी पहचान बनाने में वक्त लग रहा है।
भारतीय आईटी कंपनियां (TCS, Infosys) पहले से ही दुनिया भर में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं।
अगर ‘मेड इन इंडिया’ अभियान को समर्थन मिला, तो यह स्थानीय ब्रांड्स को मजबूती देने का सुनहरा मौका है।