Asset management syste- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सड़कों के अच्छे संधारण के लिए
‘असैट मैनेजमेंट सिस्टम’ लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रदेश की सड़कों की स्थिति की
जी.आर. टैगिंग के माध्यम से ऑनलाइन मॉनीटरिंग हो सकेगी।
श्री चौहान आज यहां मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, राज्य मंत्री लोक निर्माण विभाग सुरेश धाकड़, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस,
प्रमुख सचिव मनोज गोविल, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सड़कों की सतत मॉनीटरिंग की जाए तथा खराब
होने से पहले ही सड़कों की मरम्मत हो जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी सड़कें उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए।
प्रदेश की 45,717 किमी सड़कों का संधारण लोक निर्माण विभाग द्वारा तथा 18801
किमी सड़कों का संधारण एमपीआरडीसी द्वारा किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में बनने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे तथा
उसके दोनों ओर इस प्रकार का विकास किया जाए कि यह प्रदेश की समृद्धि का रास्ता खोले। सड़क के दोनों ओर इंडस्ट्रियल क्लस्टर,
आधुनिक कृषि, उद्यानिकी क्षेत्र विकसित किए जाएं तथा अन्य विकास की गतिविधियां हों।
अमरकंटक से अलीराजपुर तक बनने वाले 948 कि.मी. के नर्मदा एक्सप्रेस-वे का अलाइनमेंट
निर्धारण पूर्ण हो गया है तथा प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं।
अटल प्रोग्रेस-वे के निर्माण के लिए एन.एच.ए.आई. द्वारा डीपीआर के लिए निविदा जारी कर दी गई है।
उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक विकास/निवेश के लिए एजेन्सी का चयन कर लिया गया है।
अटल प्रोग्रेस-वे के निर्माण के अंतर्गत श्योपुर,
मुरैना एवं भिण्ड जिलों के 149 गांव तथा 3063 हैक्टेयर (अनुमानित) भूमि आएगी।
प्रदेश के 25 मार्गों पर टोल लगाने की कार्रवाई की जा रही है,
जिससे विभाग को 210 करोड़ रूपए की वार्षिक आय होगी। प्रदेश के 200 मार्गों का आधुनिक
पद्धति से यातायात सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्तायुक्त बनाया जा सके।
प्रदेश के सभी टोल प्लाजा को स्वचालित (फास्ट टैग) किया जाएगा।
श्री चौहान ने निर्देश दिए कि शासकीय भवनों की निरंतर मरम्मत एवं संधारण होना चाहिए।
प्रत्येक 02 वर्ष में पुताई की जाए। आवासीय भवनों का भी नियमित रूप से संधारण हो।
प्रदेश के अधिक यातायात वाले मार्गों पर कुल 95 रेलवे ओवरब्रिज स्वीकृत किए जाएंगे।
इनके निर्माण में केन्द्र सरकार द्वारा 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी। प्रदेश में बीओटी मॉडल
के स्थान पर यूजर फ्री टोल निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी।