गर्मी की लंबी छुट्टियाँ खत्म होने को हैं और अब बच्चों के लिए फिर से स्कूल जाने का समय आ गया है। जहां बच्चे छुट्टियों की मस्ती से बाहर निकलने में थोड़े हिचकिचा सकते हैं, वहीं माता-पिता के लिए भी यह वक्त थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में सही तैयारी और पॉजिटिव अप्रोच से इस बदलाव को सहज और सकारात्मक बनाया जा सकता है।
- रूटीन में धीरे-धीरे वापसी करें
गर्मी की छुट्टियों में बच्चों का सोने और जागने का समय काफी बदल जाता है। अचानक उन्हें सुबह जल्दी उठाने से बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं। इसलिए स्कूल खुलने से एक हफ्ते पहले से ही उन्हें धीरे-धीरे स्कूल टाइम रूटीन में लाना शुरू करें।
टिप्स:
रोज़ाना 15-20 मिनट पहले सुलाना और जगाना
सुबह तैयार होने का मॉक रिहर्सल करना
रात में स्क्रीन टाइम कम करना
- स्कूल शॉपिंग को बनाएं खास अनुभव
बच्चों के नए बैग, बोतल, स्टेशनरी और यूनिफॉर्म खरीदना उन्हें स्कूल को लेकर एक्साइटेड कर सकता है। इस शॉपिंग को एक छोटे उत्सव जैसा बनाएं ताकि बच्चे इस बदलाव को लेकर खुश रहें।
टिप्स:
बच्चों को खुद चीज़ें चुनने दें
पुरानी चीज़ों को दान देने की आदत डालें
नाम वाले लेबल्स लगाना न भूलें

- स्कूल के बारे में पॉजिटिव बातें करें
अगर बच्चा स्कूल को लेकर नर्वस या उदास है, तो उससे प्यार से बात करें और स्कूल से जुड़ी अच्छी यादें ताज़ा करें।
उदाहरण:
“याद है पिछले साल तुम्हें ड्रॉइंग में अवॉर्ड मिला था?” या “तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड भी तो अब वापस स्कूल आएगी!”
- मानसिक तैयारी भी है ज़रूरी
केवल फिज़िकल तैयारी नहीं, बच्चे को इमोशनली तैयार करना भी ज़रूरी है। कई बार छुट्टियों के बाद फिर से पढ़ाई में मन लगाना मुश्किल होता है।
टिप्स:
घर में पढ़ाई का एक शांत कोना तैयार करें
छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें, जैसे रोज़ 20 मिनट रिवीजन
अगर बच्चा किसी बात को लेकर परेशान है तो खुलकर बात करें
- स्वस्थ दिनचर्या और खानपान पर ध्यान दें
गर्मी की छुट्टियों में फास्ट फूड और अनियमित खानपान आम बात है। अब वक्त है कि बच्चों को फिर से हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर लाया जाए।
टिप्स:
टिफिन में हेल्दी और पसंदीदा चीज़ें पैक करें
पानी और नींबू पानी जैसी चीज़ों की आदत डालें
इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स को शामिल करें
- बच्चों को स्वतंत्र बनाना शुरू करें
बच्चों को छोटी-छोटी चीज़ों के लिए तैयार करें, जैसे खुद बैग पैक करना, वॉटर बॉटल भरना, यूनिफॉर्म तैयार रखना।
लाभ: इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी।
- खुद को भी करें तैयार
माता-पिता के लिए भी ये समय थोड़ा एडजस्टमेंट वाला होता है। सुबह की हड़बड़ी, होमवर्क, एक्टिविटी शेड्यूल – सब कुछ फिर से शुरू होगा।
टिप्स:
एक वीकली प्लानर बनाएं
अलार्म और रिमाइंडर्स का सहारा लें
खुद को भी पर्याप्त नींद और समय दें
- संवाद बनाए रखें
बच्चे स्कूल से लौटें तो उन्हें सुनें – उनका दिन कैसा रहा, क्या अच्छा लगा, क्या नहीं। इससे न सिर्फ उनका स्ट्रेस कम होता है, बल्कि आप भी उनके अनुभवों से जुड़े रहते हैं।
स्कूल की नई शुरुआत सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, माता-पिता के लिए भी एक नई जर्नी होती है। अगर इसे प्यार, धैर्य और थोड़ी-सी प्लानिंग के साथ जिया जाए, तो ये बदलाव न सिर्फ आसान होता है, बल्कि एक खूबसूरत अनुभव बन जाता है।
बच्चों को सिखाएं कि बदलाव डराने वाला नहीं, बल्कि सीखने और बढ़ने का मौका होता है — और आप हमेशा उनके साथ हैं।
