एशिया कप 2025 : मंगलवार को शुरू हुआ। लेकिन असली रोमांच तो रविवार को है, जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। हर बार की तरह, यह मुकाबला सबसे ज़्यादा चर्चा में है। लेकिन इस बार माहौल अलग है। देश में ग़म और ग़ुस्सा दोनों हैं।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई जवान शहीद हुए। उसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। ऐसे समय में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होना कई लोगों को गलत लग रहा है।
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आमतौर पर कैसा होता है भारत-पाकिस्तान मैच का माहौल?
इस मुकाबले से पहले आमतौर पर बड़ा उत्साह होता है। टिकट काउंटरों पर भीड़ लगती है। खिलाड़ी अभ्यास करते हैं तो फैंस उनका स्वागत करते हैं। मीडिया कवरेज भी जोर-शोर से होती है।
लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। शुक्रवार को भारत का अभ्यास सत्र शांत रहा। स्टेडियम में ज़्यादातर सीटें खाली थीं। ऑनलाइन टिकट भी पूरी तरह नहीं बिके। आम लोगों की दिलचस्पी कम दिख रही है।
जनभावना बहुत नकारात्मक है
भारत में इस समय पाकिस्तान को लेकर जनभावना बहुत नकारात्मक है। कई लोग मानते हैं कि इस मैच को खेलने का मतलब है पहलगाम के शहीदों की कुर्बानी को नजरअंदाज़ करना। सोशल मीडिया पर भी इस मैच का विरोध हो रहा है।
फिर मैच क्यों हो रहा है?
बीसीसीआई और सरकार ने इस मैच को हरी झंडी दे दी है। इसके पीछे व्यावसायिक कारण हो सकते हैं। भारत-पाकिस्तान मैच दुनिया का सबसे देखा जाने वाला क्रिकेट मुकाबला होता है। इसमें करोड़ों रुपये का विज्ञापन और प्रसारण अधिकार शामिल होता है।
जहां एक ओर भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच लोगों को उत्साहित करता है, वहीं इस बार देश की भावनाएं दुख और गुस्से से भरी हैं। कई लोगों को लगता है कि यह मुकाबला इस समय नहीं होना चाहिए था। मुनाफे और देशभक्ति के बीच फंसा यह मैच एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या व्यावसायिक फायदे के लिए भावनाओं को नजरअंदाज़ किया जाना चाहिए?
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