डोनाल्ड ट्रंप और NATO ने रूस और उसके साझेदारों को टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस लिस्ट में भारत, चीन और ब्राजील पर भी नजर रखी जा रही है। इसके बावजूद भारत ने साफ कहा है कि वह हर हालात से निपटने को पूरी तरह तैयार है।
हरदीप सिंह पुरी का बयान – “अगर कुछ होता है, तो निपट लेंगे”
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा,
“अगर कुछ होता है, तो हम उससे निपट लेंगे।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत केवल रूस पर निर्भर नहीं है। तेल की आपूर्ति बाधित हुई तो अन्य विकल्प मौजूद हैं।
तेल आयात के लिए कई नए और पुराने स्रोत
पुरी ने बताया कि भारत ने तेल आयात के लिए अपने स्रोतों में विविधता लाई है।
गुयाना जैसे नए देश अब मार्केट में सक्रिय हैं।
ब्राजील और कनाडा जैसे पुराने साझेदारों से भी सप्लाई बढ़ रही है।
इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो रही है।
घरेलू तेल उत्पादन पर भी जोर
भारत सिर्फ आयात पर निर्भर नहीं रहना चाहता।
सरकार घरेलू तेल खोज और उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।
इससे भविष्य में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और बाहरी संकटों का असर कम होगा।
अब 40 देशों से हो रही तेल खरीद
हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक:
पहले भारत 27 देशों से तेल खरीदता था।
अब यह संख्या बढ़कर करीब 40 हो गई है।
इससे देश को सप्लाई में विविधता और लचीलापन मिला है।
रूस अब भी सबसे बड़ा तेल सप्लायर
वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रूस है।
रूस से कुल तेल आयात का करीब 35% आता है।
इसके बाद इराक, सऊदी अरब और UAE जैसे देश हैं।
भारत की रणनीति स्पष्ट: हर चुनौती के लिए तैयार
सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर रूस पर टैरिफ लगता है या आपूर्ति बाधित होती है, तब भी भारत को चिंता नहीं है।
तेल के लिए वैकल्पिक स्रोत, घरेलू उत्पादन और रणनीतिक तैयारी भारत की मजबूती को दर्शाते हैं।