अगर आपके पास बाइक या स्कूटर है, तो अब आप उसे कमाई का जरिया बना सकते हैं। केंद्र सरकार ने प्राइवेट बाइक को बाइक टैक्सी और राइड-शेयरिंग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। इसका फायदा उठाकर आप उबर, ओला, रैपिडो जैसे प्लेटफॉर्म पर खुद को रजिस्टर कर सकते हैं।
बाइक टैक्सी सर्विस के लिए नए नियम और शर्तें
- राज्य सरकारों की मंजूरी जरूरी: प्लेटफॉर्म्स को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
- ड्राइवर की योग्यता: वैध ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, और बाइक की अच्छी हालत जरूरी।
- राइड कैंसिलेशन पॉलिसी: कस्टमर को राइड कैंसिल करने पर किराए का 10% या ₹100 तक पेनाल्टी देनी होगी।
- रेटिंग सिस्टम: हर 3 महीने में ड्राइवर की रेटिंग चेक होगी। 5 से कम रेटिंग पर ट्रेनिंग अनिवार्य।
- लोकेशन ट्रैकिंग: बाइक में ट्रैकिंग डिवाइस लगाना और इसे राज्य के कंट्रोल सेंटर से जोड़ना होगा।
- इंश्योरेंस: ड्राइवरों को 5 लाख का हेल्थ और 10 लाख का टर्म इंश्योरेंस मिलेगा।
- कमाई का हिस्सा: अपनी बाइक पर ड्राइव करें तो कम से कम 80% कमाई मिलेगी, कंपनी की बाइक हो तो 60%।
- पीक ऑवर्स में अधिक किराया: ज्यादा मांग पर बेस किराया दोगुना किया जा सकता है, पर कोई छुपा चार्ज नहीं।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
2020 के बाद बाइक टैक्सी और इलेक्ट्रिक वाहन की मांग तेजी से बढ़ी है। इस नए नियम से सस्ती और तेज़ बाइक टैक्सी सर्विस जनता तक पहुंचेगी। साथ ही बाइक मालिक भी अपने वाहन से कमाई कर सकेंगे।
कब लागू होंगे ये नियम?
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि ये नए नियम सितंबर 2025 तक लागू कर लिए जाएं।