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BJP government ready for discussion with farmer organizat

BJP सरकार किसान संगठनों के साथ किसी भी समय चर्चा के लिये तैयार

BJP सरकार ने आज फिर दोहराया कि वह किसान संगठनों के साथ कृषि सुधार

कानूनों की खामियों पर चर्चा करने के लिये किसी भी समय खुले मन से तैयार है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को

एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कृषि सुधार कानून में खामियों पर चर्चा के लिये सभी रास्ते खुले हुये हैं।

सरकार ने किसान संगठनों को कानून में संशोधनों का प्रस्ताव दिया है।

किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को अध्ययन के बाद खारिज कर दिया है

और उन्होंने कृषि सुधार से संबंधित तीन कानूनों को निरस्त करने

तथा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग की है।

इसके साथ ही किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को तेज करने की भी घोषणा की है।

किसान संगठनों और सरकार के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है

और अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।

BJP-दोनों मंत्रियों ने किसान संगठनों से आंदोलन समाप्त कर सरकार के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव दोहराया।

BJP उन्होंने कहा कि किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत चल ही रही थी कि इसी दौरान आंदोलन को तेज करने की घोषणा की गयी जो उचित नहीं है। बातचीत टूटने पर आंदोलन की घोषणा की जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि सरकार को विश्वास है कि बातचीत से रास्ता निकलेगा।

श्री तोमर ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र के उत्थान और 2022

तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिये योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रही है।

सरकार चाहती है कि किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो और इससे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुधरे।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार तीन कृषि सुधार कानूनों को लाई थी,

जिस पर लोकसभा और राज्यसभा में व्यापक चर्चा की गयी।

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश से न केवल नयी तकनीक आयेगी, बल्कि आधारभूत संरचनाओं का निर्माण होगा, जिसका लाभ अंतत: किसानों को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के बजट को बढ़ा कर 1,34,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय से छह गुना अधिक है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है।

इसके साथ ही किसानों के लिये पेंशन और कई अन्य सुविधाओं की घोषणा की गयी है।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ चर्चा के दौरान जहां कहीं भी कानूनों में खामियां नजर आईं थी उस पर संशोधन के प्रस्ताव दिये गये थे।

इसमें किसानों की तमाम शंकाओं का समाधान किया गया था इसके बावजूद सरकार

किसानों के किसी भी मुद्दे पर एक बार फिर खुले मन से चर्चा के लिये तैयार है।

इस बीच दिल्ली की सीमा के निकट 15वें दिन किसान संगठनों का आंदोलन जारी रहा।

ये किसान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों से आये हैं।

किसान संगठन बार-बार कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करने पर जोर दे रहे हैं।

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