2016 में बीजेपी ने बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा का सदस्य बनाया. इसी दौरान वे केंद्रीय इस्पात मंत्री बने। 2019 में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद बने। इसके बाद बीरेंद्र सिंह भी राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता बीरेंद्र सिंह का राजनीतिक करियर एक बार फिर से दोराहे पर है. जेजेपी-बीजेपी गठबंधन के कारण बीरेंद्र सिंह के सारे राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा गए हैं. अब उनके समर्थकों का बीजेपी छोड़ने का दबाव बढ़ गया है. 2 अक्टूबर को एकलव्य स्टेडियम में होने वाली उनकी मेरी आवाज सुनो रैली तय करेगी कि वह किस दिशा में रुख करेंगे. शनिवार को उनके समर्थकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि बीरेंद्र सिंह अब बीजेपी छोड़ सकते हैं. समर्थकों ने अपना निर्णय ले लिया है, अब बीरेंद्र सिंह को निर्णय लेना होगा.