भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के लिए चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति की है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में यह फैसला लिया गया है, जिसका मकसद इन राज्यों में संगठन को मजबूत करना और नई रणनीति के साथ चुनावी जीत हासिल करना है। BJP की यह रणनीति बाहरी नेतृत्व और स्थानीय गुटबाजियों को कम करने पर केंद्रित है।
बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। प्रधान अनुभवी रणनीतिकार हैं, जिन्होंने ओडिशा और हरियाणा में BJP को सफलता दिलाई है। उनके साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सह-प्रभारी होंगे।
पाटिल को संगठनात्मक कौशल और पीएम मोदी व अमित शाह के करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है। मौर्य की नियुक्ति का लक्ष्य बिहार में OBC वोटों को मजबूत करना है। यह तिकड़ी बिहार में गठबंधन रणनीति को और प्रभावी बनाएगी।
पश्चिमी बंगाल का विधानसभा चुनाव
पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। उनके साथ ही त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब सह-प्रभारी होंगे।
भूपेंद्र यादव ने 2020 के बिहार चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी और कई राज्यों में रणनीति को मजबूत किया है। देब ने हरियाणा और दिल्ली में BJP की जीत में योगदान दिया है। दोनों नेता बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की रणनीति की तैयारी कर रहे है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव
तमिलनाडु में BJP ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को प्रभारी और महाराष्ट्र के मुरलीधर मोहोल को सह-प्रभारी बनाया है। पांडा का संगठनात्मक अनुभव और मोहोल का प्रशासनिक कौशल दक्षिण में पार्टी की पैठ बढ़ाने में मदद करेगा। BJP तमिलनाडु में नई रणनीति के साथ DMK और AIADMK को चुनौती देना चाहती है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव हेतु निम्नलिखित नियुक्तियां की हैं। pic.twitter.com/KzXCUS6CVg
— BJP (@BJP4India) September 25, 2025
रणनीति का क्या है मकसद
दरअसल, BJP की इन नियुक्तियों का उद्देश्य बाहरी नेतृत्व के जरिए नई रणनीति लाना है, स्थानीय गुटबाजियों को कम करना और संगठन को मजबूत करना है। पार्टी इन राज्यों में अपनी चुनावी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अनुभवी और कुशल नेताओं पर भरोसा कर रही है।
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