सभी बोर्ड में दो बार बोर्ड एग्जाम की तैयारी ?
शिक्षा मंत्रालय अब देशभर के स्कूल बोर्ड्स के एग्जाम सिस्टम में बड़ा बदलाव करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा,सिलेबस और रिजल्ट के फर्क को खत्म करने के लिए सभी बोर्ड्स को साल में दो बार परीक्षा करवाने के लिए कहा गया है।
हालांकि, यह बदलाव सिर्फ सीबीएसई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य और अन्य बोर्ड्स भी इस दिशा में तैयारी करेंगे।
रिजल्ट में अंतर पर सरकार की चिंता
देश के 66 स्कूल बोर्ड्स के रिजल्ट का पिछले वर्षों का विश्लेषण किया गया।
विश्लेषण में सामने आया कि करिकुलम और असेसमेंट पैटर्न अलग-अलग होने से रिजल्ट में काफी अंतर है।
एनसीईआरटी और CBSE अधिकारियों के साथ शिक्षा मंत्रालय की बैठक हुई।
बैठक में यह सहमति बनी कि सभी बोर्ड्स के सिलेबस और मूल्यांकन पद्धति में समानता लाना ज़रूरी है।
इसका उद्देश्य यह है कि सभी छात्रों को बराबरी का अवसर और निष्पक्ष मूल्यांकन मिल सके।
बोर्ड परीक्षाओं के साथ स्किल कोर्स का विकल्प
शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि अब सभी बोर्ड्स को NCVET (National Council for Vocational Education and Training) में रजिस्टर्ड किया जा रहा है। इससे छात्रों को स्किल कोर्स चुनने का विकल्प भी मिलेगा।
दूसरी तरफ, इससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और स्किल बेस्ड रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।
पारदर्शी एग्जाम और समान अवसर
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी स्कूल बोर्ड को पारदर्शी नियम और क्वालिटी एजुकेशन बेंचमार्क फॉलो करने होंगे। इससे सभी छात्रों को समान प्लेटफॉर्म पर लाने में मदद मिलेगी।
इसी तरह, परीक्षा के मूल्यांकन में निष्पक्षता और स्थिरता को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति से जुड़े बदलाव
नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब फोकस केवल परीक्षा नहीं, बल्कि हर कक्षा की मूल्यांकन प्रक्रिया की क्वालिटी पर है। इसलिए क्वॉलिटी क्वेश्चन पेपर, टीचर ट्रेनिंग और डेटा पारदर्शिता पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।
व्यावसायिक शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
सामान्य शिक्षा और स्किल एजुकेशन के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए बोर्ड्स को प्रमाणन देने की शक्ति दी जाएगी।इससे छात्रों को स्किल आधारित लर्निंग का सीधा लाभ मिलेगा।
वहीं, यह कदम आजीवन सीखने और रोजगार के राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ बेहतर तालमेल बनाएगा।
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