CBI का झटका: मेडिकल कॉलेजों में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के चांसलर DP सिंह और 34 अन्य आरोपियों के खिलाफ मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण में भ्रष्टाचार व अनियमितताओं का मामला दर्ज किया है। इस घोटाले में स्वास्थ्य मंत्रालय के 8 अधिकारी भी शामिल हैं। यह केस देश भर में मेडिकल शिक्षा के स्तर को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

आरोपी कौन?
- DP सिंह (पूर्व UGC चेयरमैन और TISS चांसलर)
- स्वास्थ्य मंत्रालय के 8 वरिष्ठ अधिकारी
- कई निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधक व एजेंट
क्या हुआ?
- झूठे निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेजों को मान्यता
- रिश्वत लेकर गलत प्रक्रियाओं को अनदेखा करना
- नियमों की धज्जियां उड़ाकर निजी संस्थानों को फायदा पहुंचाना
CBI की जांच में क्या सामने आया?
- डिजिटल सबूत और दस्तावेज जब्त
- 2018-2021 (DP सिंह के UGC कार्यकाल) में हुईं गड़बड़ियां
- व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतों के बाद कार्रवाई
यह मामला इतना बड़ा क्यों?
पहली बार एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के चांसलर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप।
मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल, जिससे लाखों छात्र प्रभावित।
CBI की एंटी-करप्शन यूनिट (AC-3) विस्तृत जांच कर रही
अगले कदम – क्या होगा अब?
आरोपियों से पूछताछ और गिरफ्तारियां संभव
मेडिकल कॉलेजों की निरीक्षण प्रक्रिया में सुधार की मांग
सरकार व न्यायालय द्वारा सख्त कार्रवाई की उम्मीद