दिल्ली की अदालत ने यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपी को देखते हुए स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, अदालत का कहना है कि आरोपी के मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है।
खातों का हुआ खुलासा
जांच के दौरान सामने आया है कि चैतन्यानंद ने श्री शारदा संस्थान ट्रस्ट और श्रृंगेरी मठ की 20 करोड़ की संपत्ति का अपराध किया और करीब 8 करोड़ रुपये के बैंक खातों का गलत इस्तमाल किया है।
दिसम्बर का मामला
दरअसल, यह मामला दिसंबर 2024 में सामने आया था। तब ऑडिट में वित्तीय चोरी का खुलासा हुआ था। जांच के मुताबिक चैतन्यानंद ने 2010 में एक नया ट्रस्ट बनाकर पुराने ट्रस्ट की कमाई और राजस्व को हड़प लिया गया। इस ट्रस्ट के जरिए उसने संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया। श्रृंगेरी पीठ ने बाबा पर जालसाजी, धोखाधड़ी और विश्वासघात के गंभीर आरोप लगाए हैं।
ट्रस्ट की रकम धोखाधड़ी
दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई तेज करते हुए चैतन्यानंद के 18 बैंक खातों और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को फ्रीज कर दिया है। इन खातों में करीब 8 करोड़ रुपये जमा हैं। पुलिस का मानना है कि यह कमाई धोखाधड़ी से बनाई गई है जो कि ट्रस्टों से जुड़ी है।
छात्रों ने क्या खुलासा
पूर्व छात्रों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जिसमे उनका कहना है कि चैतन्यानंद अपने संस्थान में छात्राओं को निशाना बनाता था, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की लड़कियों को। उन्हें स्कॉलरशिप और बेहतर करियर का लालच देकर फंसाया जाता था। विरोध करने वाली छात्राओं को मानसिक रूप से सताया जाता था। 2016 में डिफेंस कॉलोनी थाने में भी शिकायत दर्ज हुई थी, लेकिन रसूख के चलते चैतन्यानंद बच निकला।
जांच अभी जारी है
पीड़ितों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद भी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कई छात्राओं का हौसला टूट गया था। अब पुलिस चैतन्यानंद की तलाश कर रही है।जांच एजेंसियां सबूत जुटा रही हैं ताकि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
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