दोनों ही टीमों की कोशिश, जीत हासिल करने पर
यूएफा चैंपियंस लीग के फाइनल में शनिवार देर रात इंग्लैंड के दो शीर्ष फुटबॉल क्लब लिवरपूल और टॉटनहम आमने-सामने होंगे। ये दोनों ही टीमें लंबे समय से अपने खिताबी के सूखे को खत्म करने की कोशिश करेंगी। बता दे कि संयुक्त रूप से दोनों क्लबों को कोई भी ट्रॉफी जीते हुए करीब 18 साल हो चुके हैं। जहां लिवरपूल ने पिछले 7 सालों से कोई खिताब नहीं जीता है तो वहीं टॉटनहम को पिछले 11 साल से खिताबी जीत का इंतजार है।ऐसे में देखने दिलचस्प होगा की इस दौड़ में कौन बाज़ी मारने में सफल रहता हैं।
गौरतलब है कि लिवरपूल के मैनेजर जुर्जेन क्लोप और टॉटनहम के मैनेजर मॉरिसियो पोचेटिनो के मार्गदर्शन में दोनों टीमों ने दमदार प्रदर्शन किया है, लेकिन इसके बावजूद दोनों क्लब खिताबी जीत से महरूम रहे हैं।
लिवरपूल में युवा सितारों की भरमार है।
ट्रेंट एलेक्जेंडर आर्नोल्ड, और हैरी विंक्स जहां लिवरपूल की यूथ टीम के माध्यम से आए हैं तो वहीं एंड्रयू रॉबर्टसन, डेले अली, किरान ट्रिपियर 24 साल या फिर उससे कम की उम्र में जुड़े थे। इन सभी को वांडा मेट्रोपोलिटानो में कड़ी सुरक्षा के बीच होने वाले इस खिताबी भिड़ंत की शुरुआती लाइन-अप में शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। हालांकि, जब खिताब की बात आती है तो लिवरपूल ने अपना पिछला खिताब 2012 में लीग कप के रूप में जीता था। इससे पहले उसने एफए कप का खिताब 2006 में हासिल किया था। वहीं, टॉटनहम ने 2008 में लीग कप के रूप में पिछला खिताब हासिल किया था।
लिवरपूल पर खिताबी जीत का दबाव इसलिए भी है
क्योंकि इंग्लिश प्रीमियर लीग में 96 अंक हासिल करने के बावजूद उसे खिताबी जीत से महरूम रहना पड़ा था, जहां मैनचेस्टर सिटी केवल एक अंक के अंतर से उसे पछाड़कर चैंपियन बनी थी। कीव में पिछले साल खेले गए चैंपियंस लीग के फाइनल में लिवरपूल को रियल मैड्रिड के हाथों शिकस्त मिली थी। ऐसे में लिवरपूल के कई खिलाड़ियों को इस स्तर पर खेलना का अच्छा अनुभव हासिल है। वहीं, टॉटनहम के टोबी एल्डरवेरेल्ड को भी चैंपियंस लीग फाइनल खेलने का अनुभव है जो 2014 में हारने वाली एटलेटिको मैड्रिड की टीम में शामिल थे।