4 जजों को अब तक बंगला नहीं मिला
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सरकारी बंगले में तय समय से ज्यादा वक्त तक रह गए हैं। बात हो रही है 5, कृष्ण मेनन मार्ग की—
वो बंगला जिसे CJI रिटायरमेंट के बाद कुछ महीनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं,
लेकिन अब ये मियाद 31 मई 2025 को ही खत्म हो चुकी है।
अब सुप्रीम कोर्ट का एडमिनिस्ट्रेशन सख्त हो गया है।
1 जुलाई को केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया,
जिसमें कहा गया है कि बंगले को तुरंत खाली कराया जाए ताकि
चार जजों को सरकारी आवास उपलब्ध कराया जा सके।

4 जजों को अब तक बंगला नहीं मिला
सुप्रीम कोर्ट में अभी कुल 33 जज कार्यरत हैं।
लेकिन 4 जज आज भी बिना स्थायी सरकारी घर के रह रहे हैं
तीन जज ट्रांजिट अपार्टमेंट में और एक स्टेट गेस्ट हाउस
पूर्व CJI की सफाई: ‘बेटियों के लिए घर में कुछ खास चाहिए’
पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने जवाब में कहा कि यह सब निजी कारणों से हुआ। उन्होंने बताया कि
“मेरी बेटियों को विशेष सुविधाओं वाले घर की जरूरत थी। मैंने कोर्ट एडमिन को पहले ही इस बारे में सूचना दी थी।”
उन्होंने यह भी बताया कि वो फरवरी से लगातार घर तलाश कर रहे हैं, लेकिन कोई उपयुक्त विकल्प नहीं मिला।
लिखित में दी थी जानकारी
चंद्रचूड़ ने 28 अप्रैल को CJI संजीव खन्ना को चिट्ठी लिखी थी,
जिसमें 30 जून 2025 तक बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी।
लेकिन इसका कोई औपचारिक जवाब नहीं मिला।
बाद में उन्होंने वर्तमान CJI बीआर गवई से भी बात की
और भरोसा दिलाया कि जल्द ही बंगला खाली कर देंगे।

नियम क्या कहते हैं?
- रिटायरमेंट के बाद CJI को 6 महीने तक टाइप VII बंगले में बिना किराए रहने की अनुमति होती है।
- चंद्रचूड़ को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक टाइप VIII बंगले में रहने की विशेष अनुमति मिली थी,
- जिसके लिए 5430 रुपये मासिक लाइसेंस फीस तय की गई थी।
