सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार के दिन एक अप्रत्याशित और चौंकाने वाली घटना हुई। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की बेंच पर सुनवाई के दौरान एक वकील ने कोर्ट में हंगामा कर दिया और जस्टिस के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हालात संभाल लिए और वकील को बाहर ले जाया गया।
बता दें कि कोर्ट में जस्टिस पर हमले की कोशिश की सूचना मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी बीआर गवई से बात की और हालात का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने घटना पर दी अपनी प्रतिक्रिया
कोर्ट में हुई इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह बेहद शर्मनाक है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि न्यायमूर्ति गवई ने जिस शांति और संयम से स्थिति को संभाला, वह न्याय और संविधान की भावना को मजबूत करता है।
Spoke to Chief Justice of India, Justice BR Gavai Ji. The attack on him earlier today in the Supreme Court premises has angered every Indian. There is no place for such reprehensible acts in our society. It is utterly condemnable.
I appreciated the calm displayed by Justice…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 6, 2025
कोर्ट में क्या हुआ?
जानकारी के मुताबिक, आरोपी वकील राकेश किशोर 2011 से सुप्रीम कोर्ट बार में पंजीकृत है। आज सुनवाई के दौरान वह अचानक डेस्क के पास गया और अपना जूता निकालकर चीफ जस्टिस की ओर फेंकने की कोशिश की। हालांकि, जूता जस्टिस विनोद चंद्रन के पास जा गिरा। घटना की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत वकील को काबू में कर और कोर्ट से बाहर ले गए।
बता दें कि बाहर जाते समय वकील ने नारेबाजी भी की और कहा कि वह “सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।” इस पर अदालत में मौजूद अन्य वकील और जज हैरान रह गए।
CJI गवई ने बनाएं रखा संयम
कोर्ट में हुई इस घटना के दौरान जस्टिस गवई ने अपना संयम बनाए रखा। साथ ही, उन्होंने वकीलों से कहा, “इस सब पर ध्यान मत दें, हमें फर्क नहीं पड़ता। आप अपनी दलीलें जारी रखें।”
बार काउंसिल ने लाइसेंस किया रद्द
आज की इस घटना के तुरंत बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने आरोपी वकील राकेश किशोर का वकालत का लाइसेंस निलंबित कर दिया। आदेश के अनुसार, अब वह किसी भी न्यायालय, ट्रिब्यूनल या अधिकरण में केस नहीं लड़ेंगे।
साथ ही, BCI ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा की और कहा कि उन्हें 15 दिन के अंदर इस घटना का जवाब देने के लिए नोटिस भेजा जाएगा कि क्यों उनका लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द न करें।
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