पार्टी से पहले दोनों ने अपने परिवार को रखा
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बेहद ख़राब हार के बाद शनिवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं पर भी नाराजगी जाहिर की। साथ ही हार की पूरी जिम्मेदारी ली और कहा कि वह अध्यक्ष पद पर बने नहीं रहना चाहते हैं। लेकिन पार्टी एवं इसकी विचारधारा के लिए काम करते रहेंगे। हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया। बता दे कि इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कार्यसमिति के अन्य सदस्य शामिल हुए।
खबरों के अनुसार बैठक में राहुल काफी गुस्से में दिखे।
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपने बेटों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाया। राहुल ने कहा कि इन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी हित से ऊपर अपने निजी हित को रखा। खबरों के मुताबिक राहुल ने यह बात कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उस टिप्पणी पर कही जिसमें उन्होंने स्थानीय नेताओं को तैयार करने की बात कही थी।
राहुल ने कहा कि पार्टी ने उन राज्यों में भी बहुत खराब प्रदर्शन किया, जहां उसकी सरकार थी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने अपने बेटों को टिकट दिलाने पर जोर दिया, जबकि वह इसके पक्ष में नहीं थे। राहुल ने इसी संदर्भ में पी. चिदंबरम का नाम भी लिया।