Congress – कांग्रेस ने नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर मोदी-शाह के 9 झूठ का पर्दाफाश किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि संविधान में पांच आधार पर नागरिकता का प्रावधान है, उसमें धर्म कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि पहली बार देश के इतिहास में धर्म को नागरिकता का आधार बनाया गया है और ये विभाजनकारी है।
कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा नागरिकता कानून के बारे में फैलाए गए नौ झूठ गिनाये ।
पहला झूठ
पीएम और गृह मंत्री ने कहा कि का भेदभावपूर्ण नहीं है। सिब्बल ने कहा कि संविधान में भारत की नागरिकता के 5 प्रावधान हैं, जिनमें कहीं भी धर्म का कोई ज़िक्र नहीं है। 1955 के नागरिकता एक्ट में भी यही प्रावधान हैं ।
दूसरा झूठ- CAA का NRC से कोई ताल्लुक नहीं।
अप्रैल 2019 में अमित शाह ने कहा था कि पहले CAB आएगा, उसके बाद NRC आएगा। 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में अमित शाह ने CAB के पास होने के बाद राष्ट्रव्यापी NRC की बात की। ऐसे में CAA-NRC के ताल्लुक को नकारा नहीं जा सकता।
तीसरा झूठ
मोदी ने 22 दिसंबर 2019 को एक रैली में कहा कि उनकी सरकार आने के बाद NRC पर कोई चर्चा नहीं हुई। जबकि, 20 जून 2019 को संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के संबोधन में NRC को प्राथमिक तौर पर लागू होने की बात कही गई।
चौथा झूठ
NRC की प्रक्रिया को न तो अधिसूचित किया गया और न ये कानूनी है।
यह पूरी तरह झूठ है, क्योंकि, 2003 में जब NRC एडॉप्ट किया गया, तो उसके अनुच्छेद 14 (a) में इसके कानूनी होने का उल्लेख है और उसमें देश के प्रत्येक नागरिक को पहचान पत्र की बात है।
पांचवां झूठ- NRC अभी शुरू होना है
जबकि पहली अप्रैल से NRC शुरू होने का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है।
छठा झूठ
NPR का NRC से कोई संबंध नहीं है। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2018-19 में कहा गया कि, ‘NPR NRC को लागू करने का पहला कदम है।’
सातवां झूठ
किसी भारतीय को डरने की जरूरत नहीं है
जबकि हमारे पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन साहब के परिवारजनों; कारगिल युद्ध के पुरस्कार विजेता सनाउल्लाह खान का नाम असम की NRC में नहीं था। अब ऐसे में किसी गरीब आदमी का नाम गायब हो गया, तो वो क्या करेगा?
आठवां झूठ
मोदी ने कहा कि देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है।
जबकि, अकेले असम में 6 डिटेंशन सेंटर में 988 लोग कैद हैं। जनवरी 2019 भारत सरकार ने डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश दिए।
नौवां झूठ- प्रदर्शनों के खिलाफ कोई बल प्रयोग नहीं किया गया।
28 लोग अकेले यूपी में मारे गए। लोगों के घर जलाए गए, दुकानें जलाई गई, लोगों को घरों में घुसकर मारा गया और भाजपा सरकार झूठ बोल रही है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि 1893 में स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि, ‘मुझे गर्व है कि मैं उस देश का वासी हूं, जो दुनिया के सभी देशों और धर्मों के प्रताड़ितों और पीड़ितों को शरण देता है।’ अब जिनके पास विवेक ही नहीं है, वो स्वामी जी की क्या ही बात करेंगे।