कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(Congress President Sonia Gandhi) ने मोदी सरकार पर राजनीतिक विरोधियों और सिविल सोसायटी के सदस्यों को निशाना बनाने को लेकर हमला किया है। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र चौराहे पर आ गया है, क्योंकि असंतोष को आतंकवाद या ब्रांडेड राष्ट्र-विरोधी गतिविधि के रूप में देखा जाने लगा है।
एक अखबार में प्रकाशित और बाद में कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किए गए एक लेख में उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। सोनिया गांधी ने कहा, लेकिन सबसे खराब बात यह है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के सभी स्तंभ निशाने पर हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को दमन और धमकी के माध्यम से व्यवस्थित रूप से खत्म कर दिया गया है। असहमति को जानबूझकर आतंकवाद या राष्ट्र-विरोधी गतिविधि के रूप में ब्रांडेड किया जा रहा है।
विपक्षी नेता ने कहा कि भारतीय सरकार ने हर जगह राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे का बहाना बनाकर लोगों का ध्यान वास्तविक समस्याओं से हटा दिया है। उन्होंने आगे कहा, बेशक इन खतरों में से कुछ वास्तविक हैं और उनसे निपटा जाना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा जब भी देखती है कि कोई राजनीतिक विरोध हो रहा है, तो वह उसे भयावह साजिश कहने लगती है।
सोनिया ने कहा कि मीडिया और ऑनलाइन ट्रोल फैक्ट्री के माध्यम से सिस्टम असंतुष्ट लोगों के पीछे जांच एजेंसियों को लगा देती है।
उन्होंने लिखा, कड़ी मेहनत से हासिल किए गए भारत के लोकतंत्र को खोखला किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने यह कहते हुए मोदी सरकार पर हमला किया कि राज्य के प्रत्येक अंग जो संभवत: राजनीतिक विरोध को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), और यहां तक कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को पहले से ही दबा दिया गया है।