Congress Protest – सोमवार को कांग्रेस ने भारत बंद का ऐलान किया था।
बढ़ते पेट्रोल और डीज़ल के दामों को देखते हुए कांग्रेस ने इसको जीएसटी में दायरे में लाने की मांग कर रहीं थीं। जिसके चलते आज कांग्रेस ने भारत बंद बुलाया था। इस से पहले कांग्रेस अपना आंदोलन शुरू करते उस से पहले ही राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पेट्रोल, डीजल से वैट 4 प्रतिशत कम करने का ऐलान कर दिया। सीएम वसुंधरा राजे ने रविवार को हनुमानगढ़ के रावतसर में गौरव यात्रा के दौरान इसकी घोषणा की। पेट्रोल पर अब 30% की जगह 26% तथा डीजल पर 22% की जगह 18% वैट रह गया। यह कमी रात 12 बजे से ही लागू हो गई। जयपुर में पेट्रोल 2.21 रु. व डीजल 2.19 रु. लीटर सस्ता हुआ।
उधर, राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस कदम के बाद सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस ने इस पर कहां की भाजपा ने हमारे आंदोलन के डर से ये कदम उठाया हैं। जबकि भाजपा का कहना हैं की हमने जनता की मांग पर विचार किया, कांग्रेस से डरने जैसा कुछ नहीं हैं।
वहीं बात करे मध्यप्रदेश की तो वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि 14 अक्टूबर 2017 को ही हमने पेट्रोल पर 3 और डीजल पर 5 प्रतिशत वैट घटा दिया था।
डीजल पर लग रहे डेढ़ रुपए के अतिरिक्त कर को भी खत्म किया था। इससे 2000 करोड़ रुपए रेवेन्यू कम मिला। फिर भी 29 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग हैं। इसमें केंद्र सरकार से बात करेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने के संकेत दिए हैं।
कांग्रेस की मांग – बढ़ती तेल की कीमतों को देखते हुए कांग्रेस की मांग थी के पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए, क्योंकि तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ती हैं। मोदी सरकार इसे जल्द से जल्द जीएसटी के दायरे में लाए। जीएसटी के दायरे में लाने से पेट्रोल और डीजल के दामों में 15 से 18 रुपए तक की कमी आएगी। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि 2014 से अब तक पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 211.7 प्रतिशत और डीजल पर 433 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं।