भारतीय छात्रों के बीच विदेश में पढ़ने को लेकर कंपटीशन सा हो गया है। इस समय करीब 18 लाख से भी अधिक छात्र विदेश में पढ़ाई कर अपना उज्जव भविष्य बना रहे हैं। विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने पर छात्रों को जॉब आसानी से प्राप्त हो जाती है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा में डिग्री हासिल करने के बाद टॉप कंपनियों में जॉब का विकल्प है। लेकिन विदेश में पढ़ना कोई आसान नहीं है, क्योंकि छात्र को इसके लिए कई एक्सएम देने पढ़ते हैं।
आइए इन एक्सएम प्रोसेस के बारे में आज हम अपने इस आर्टिकल में जानते हैं, जिन्हें देने पर विदेश में एडमिशन मिलता है।
इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टाइपिंग सिस्टम
IELTS के जरिए छात्र की अंग्रेजी भाषा को चेक किया जाता है। क्योंकि ज्यादातर देशों में अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करवाई जाती है।
जैसे- अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा इन देशों में IELTS टेस्ट स्कोर के आधार पर ही दाखिला मिलता है।
इन टेस्ट में छात्रों को अंग्रेजी भाषा को लिखना, पढ़ना, बोलना और सुनने की क्षमता को परखा जाता है।
IELTS टेस्ट में 0 से 9 के बीच में स्कोर दिया जाता है।

टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज लैंग्वेज TOEFL
TOEFL भी एक अंग्रेजी भाषा का ही टेस्ट है।
स्कोर के आधार पर ही अमेरिका और कनाडा के कॉलेजों में एडमिशन मिलता है।
यह केवल ऑनलाइन TOEFL iBT लिया जाता है।
इसमें पढ़ना, लिखना, सुनना और बोलना शामिल है। टेस्ट का स्कोर 120 में से होता है।
यह यूनिवर्सिटी 80 से 100 या अधिक स्कोर पर दाखिला देता है।
स्कॉलिस्टिक एसेसमेंट टेस्ट (SAT)
Sat यानी अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में अंडरग्रैजुएट कोर्सेज में दाखिला लेने के लिए किया जाता है।
इस टेस्ट में पढ़ने, लिखने और मैथ्स स्किल की को चेक करने के लिए की जाती है।
sat में 400 से 1600 के स्कोर पर किया जाता है, जबकि यूनिवर्सिटीज में sat टेस्ट ऑनलाइल होता है।