वांशिंगटन -हाल ही में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने पर सऊदी अरब समेत ओपेक के तमाम सदस्यों को ट्रंप द्वारा कड़े शब्दों में धमकी दी गई थी।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी का असर होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए इरान पर पाबंदी की वजह से जितनी मात्रा में तेल की कमी होगी, उसे सऊदी अरब पूरा करेगा।
सऊदी अरब की सत्ता के उत्तराधिकारी सलमान ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सऊदी अरब और ओपेक देशों से किए गए आग्रह पर अगर ईरान से आपूर्ति की कमी होती है, तो हम इसकी भरपाई करेंगे। दरअसल ट्रंप ने धमकी देते हुए कहा था कि सऊदी अरब के शाह अमेरिकी सैनिक की मदद के बिना 2 सप्ताह भी संभवत पद पर नहीं टिक सकते। यह कहते हुए ट्रंप ने पश्चिमी एशिया में अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक सऊदी अरब पर जेल की बढ़ती कीमतों को लेकर दबाव और बढ़ा दिया।
बता दें कि 4 नवंबर से ईरान के तेल निर्यात को प्रभावित करने वाले अमेरिकी पाबंदी लागू होने वाली है।
ऐसे में तेल की कीमतें आसमान ना छुए इसके लिए अमेरिका सुनिश्चित करने में लगा हुआ है कि तेल आपूर्ति की कमी ना हो। गौरतलब है कि पिछले 4 साल के उच्चतम स्तर पर इस वक्त ब्रेंट क्रूड 86 डॉलर प्रति डॉलर के आसपास ट्रेड कर रहा है। इसे थामने के लिए असफल रही सऊदी अरब की अब तक कोशिशों के बाद क्रॉउन प्रिंस का कहना है कि पिछले महीने बढ़े दाम के लिए ईरान जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने बताया कि इसकी बड़ी वजह कनाडा, लीबिया, वेनेजुएला, मैक्सिको अन्य देशों के हालात हैं।
वहीं तेल व्यापारियों का मानना है कि सऊदी अरब तेल की कमी को पूरा करने की दिशा में तेजी नहीं दिखा रहा है। इनका मानना हैं कि सऊदी अरब ईरान में तेल की कमी को पूरा करने में असमर्थ है। क्रॉउन प्रिंस ने बताया कि सऊदी अरब हर दिन एक करोड़ 7 लाख बैरल तेल का उत्पादन कर रहा है, जो करीब करीब रिकॉर्ड के समान है। क्रॉउन प्रिंस कहते हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो हर रोज 13 लाख बैरल का उत्पादन किया जाएगा।