क्यूप्रियाविडस मेटलिड्यूरैंस (Cupriavidus metallidurans) एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया है
“जो विषैले सोने के parts को शुद्ध सोने में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।
बैक्टीरिया भारी धातुओं जैसे तांबा और सोने से भरपूर वातावरण में जीवित रह सकता है,
जो अधिकांश जीवों के लिए विषैला होता है
बैक्टीरिया सोना कैसे बनाता है?
जब सोने और तांबे के यौगिक इस बैक्टीरिया के अंदर प्रवेश करते हैं, तो वे
सामान्य धातु निष्कासन प्रक्रिया को बाधित करते हैं।
बैक्टीरिया एक विशेष प्रोटीन का उपयोग करके इन विषैले यौगिकों को निष्क्रिय करता है
और उन्हें सूक्ष्म सोने के कणों में परिवर्तित करता है।
ये कण बैक्टीरिया द्वारा उत्सर्जित किए जाते हैं। (ScienceDaily)
वैज्ञानिक अनुसंधान [RESEARCH ]
- 2009 में, वैज्ञानिकों ने पाया कि क्यूप्रियाविडस मेटलिड्यूरैंस Cupriavidus metallidurans
- विषैले सोने के यौगिकों को शुद्ध सोने में परिवर्तित कर सकता है।
- यह प्रक्रिया बैक्टीरिया के भीतर विशेष एंजाइमों और जीन क्लस्टरों की सहायता से होती है,
- जो सोने के यौगिकों को निष्क्रिय करते हैं और उन्हें सूक्ष्म सोने के कणों में परिवर्तित करते हैं।
बायोमाइनिंग
- बायोमाइनिंग जिसमें बैक्टीरिया या अन्य जीवों का उपयोग करके चट्टानों,
मिट्टी या अपशिष्ट से धातुओं को निकाला जाता है। - क्यूप्रियाविडस मेटलिड्यूरैंस जैसे बैक्टीरिया का उपयोग बायोमाइनिंग में किया जा सकता है
- ताकि पर्यावरण के लिए हानिकारक रसायनों के उपयोग को कम किया जा सकेऔर धातुओं
की पुनर्प्राप्ति को अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके। (Wikipedia)
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रोचक तथ्य – KHABER AAJ KI KHAAS
- यह बैक्टीरिया भारी धातुओं से भरपूर वातावरण में जीवित रह सकता है,
जो अधिकांश जीवों के लिए विषैला होता है। - यह बैक्टीरिया सूक्ष्म सोने के कणों का निर्माण करता है,
जिन्हें केवल माइक्रोस्कोप से देखा जा सकता है। - इस बैक्टीरिया की सोना बनाने की क्षमता 2009 में खोजी गई थी।
- यह बैक्टीरिया प्रदूषित क्षेत्रों की सफाई में मदद कर सकता है
- चिकित्सा तथा कंप्यूटर जैसी तकनीकों में उपयोगी हो सकता है।