नई दिल्ली – देश के बड़े पांच बड़े महानगरों में दिल्ली और कोलकाता की आबो-हवा सबसे ज्यादा खराब है।
बेंगलुरु में जितना प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया है, दिल्ली और कोलकाhता में करीब-करीब उसका दोगुना प्रदूषण होता है। लेकिन किसी भी महानगर की हवा तय मानकों के अनुरूप नहीं है। आईआईटी कानपुर और रेस्पाइरर लिविंग साइंसेज के एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, विगत 14 फरवरी से 13 मार्च के दौरान 4 सप्ताह लंबा यह अध्ययन कम लागत वाले उपकरणों के जरिए 5 महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई तथा बेंगलुरु में किया गया। इस दौरान हवा में 2.5 की मात्रा रिकॉर्ड की गई।
कोलकाता की स्थिति सबसे खराब रही, जहां यह 121 माइकोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
जबकि दिल्ली में 118 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर था। इसके विपरीत बेंगलुरु की हवा कम प्रदूषित थी। वहां 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही। मुंबई में यह थोड़ी और कम 58 माइक्रोग्राम थी। जबकि चेन्नई में यह 70 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। लेकिन भारतीय मानकों में इसे 40 माइक्रोग्राम तक रखा गया। इस हिसाब से इन पांच सर्वाधिक बड़े महानगरों की हवा भारतीय मानकों के अनुरूप भी नहीं है।