फोन कॉल और तल्खी: ड्रामाई विदाई की स्क्रिप्ट बनी
रविवार की शाम, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की एक महत्वपूर्ण बातचीत ने उनकी विदाई की पटकथा तय कर दी।
बताया गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करने को लेकर एक वरिष्ठ मंत्री के साथ उनके बीच तेज टेलीफोनिक बहस हुई थी।
इस बातचीत ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी और घटनाक्रम को तेज़ कर दिया।
अचानक इस्तीफा: स्वास्थ्य या राजनैतिक दबाव ?
धनखड़ ने आधिकारिक रूप से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया,जो उनकी तत्काल विदाई का सिलसिला शुरू हुआ।
हालांकि, विपक्ष और राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि बात इससे कहीं अधिक गंभीर थी। कुछ थ्योरीज़ उभर कर आई हैं:
सरकार से राजनीतिक दूरी ने उन्हें मजबूर किया हो सकता है ।
फिर कहीं पिछले दिनों विपक्षी सांसदों से अतिकट मुलाकातों का असर रहा हो।
वहीं, न्यायाधीश वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकारने का क्रम सरकार के लिए आपत्तिजनक था।
https://www.newsonair.gov.in/vice-president-jagdeep-dhankhar-resigns-citing-health-reasons/
संसद में सन्नाटा: शून्य प्रतिक्रिया पर उठ रहे सवाल
धनखड़ के इस्तीफे के कई घण्टों तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, जिससे सियासी आशंकाओं को हवा मिली।
विपक्ष ने इसे सरकार की चुप्पी करार देते हुए जोरदार आलोचना की थी।
निष्कर्ष: स्वास्थ्य और राजनीति के बीच छुपा सच ?
हालांकि इस्तीफे का औपचारिक कारण स्वास्थ्य बताया गया,
लेकिन एक फोन कॉल, राजनैतिक असहमति, और सरकारी नाखुशी ने इस नाटकीय विदाई को गहराई प्रदान की।
विपक्ष इसकी पीठ पीछे के कारणों की बारीकी से जांच की मांग कर रहा है।
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