छह अन्य मामलों में मिले गड़बड़ी के सबूत
ई-टेंडरिंग Bhopal E-tendering घोटाले की जांच कर रही एजेंसी ईओडब्ल्यू जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी करने वाली है। इस मामले में हार्डडिस्क और डाटा की जांच कर रही सर्ट-इन (कम्प्युटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम इंडिया) को भी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में छेड़ाछाड़ के सबूत मिले हैं। अब जल्द ही सर्ट-इन इस मामले में अपनी रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंप देगी। इसमें लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के तत्कालीन अधिकारियों समेत टेंडर लेने वाली कंपनियां संदेह के घेरे में हैं। इसके पहले ईओडब्ल्यू तीन मामले में आरोपितों को गिरफ्तार कर चालान पेश कर चुकी है।
साल 2018 में पूर्व मुख्य सचिव बीपी सिंह ने इस मामले को जांच के लिए ईओडब्ल्यू को सौंपा था।
उस समय उन्हें 9 टेंडर में गड़बड़ी होने की जानकारी मिली थी। लेकिन, तत्कालीन भाजपा सरकार में इस मामले की जांच दबी रही। साल 2019 में सरकार बदलने के बाद इस मामले में ईओडब्ल्यू ने 9 एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। अब तक तीन मामलों में ईओडब्ल्यू चालान पेश कर चुकी है, जबकि छह मामलों में सर्ट-इन दिल्ली की सरकारी जांच लैब की रिपोर्ट नहीं मिलने से कार्रवाई अटकी हुई थी। अब छह और मामलों में गड़बड़ी के सबूत मिलने से कई और लोग जांच के घेरे में आ गए हैं। जिन विभागों के टेंडरों में गड़बड़ी के सबूत मिले हैं, उनमें लोक स्वास्थ यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग शामिल हैं।
डाटा रिपोर्ट के आधार पर शुरू होगी जांच
हार्डडिस्क और डाटा जांच के लिए सर्ट-इन को दिल्ली भेजा गया था। लेकिन लंबे समय तक सर्ट-इन ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी। इससे ईओडब्ल्यू की जांच भी अटकी हुई थी। कुछ दिन पहले ईओडब्ल्यू के डीजी सुशोभन बनर्जी ने दिल्ली जाकर सर्ट-इन के अधिकारियों से मुलाकात की। सर्ट-इन के अधिकारियों ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट देने के लिए कुछ और दस्तावेज लगेंगे। इस पर डीजी ने उन्हें ईओडब्ल्यू के मुख्यालय से दस्तावेज लेने के लिए कहा था। करीब तीन सप्ताह पहले सर्ट इन की टीम ने यह दस्तावेज हासिल कर लिए जिसके बाद जांच आगे बढ़ी।