FASTag Annual Pass: रोजाना हाईवे पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों पर ‘फास्टैग एनुअल पास’ को शुरू करने का ऐलान किया है। भारत सरकार का यह अहम फैसला देशभर में 15 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा। सरकार का यह कदम उन लोगों के लाभदायक है, जो हर दिन एक ही रूट पर यात्रा करते हैं और टोल पर भारी खर्च करते हैं। ऐसे में यह पास उनके जेब खर्च को कम करेगा।
आप चाहें तो मौजूदा फास्टैग सिस्टम भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इस पास के साथ बहुत से फायदे भी मिलेंगे। यहां जानें इसके फायदे
टोल का चार्ज देने होगा आधा
फास्टैग एनुअल पास से सालाना 7,000 रुपये तक की बचत हो सकती है, लेकिन हर टोल क्रॉसिंग की औसत लागत 50 रुपये है, जो 200 यात्राओं में 10,000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, 3,000 रुपये का यह पास जेब खर्च के भार को आधा कर देगा।
टाइम और ईंधन की भरी बचत
इस पास के चलते टोल पर अब गाड़ी को रुकने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय और ईंधन दोनों की ही बचत होगी। RFID तकनीक से वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे, जिससे ट्रैफिक जाम कम होगा और ईंधन खपत में 15% तक की कमी आएगी।
पारदर्शिता और सुविधा
पास शुरू होने पर आपको SMS से यात्रा के बारे में और पास की भी हर एक डिटेल मिल जाएगी। इससे ट्रैकिंग और रिनोवेशन आसान होगा। यह कैशलेस इकोनॉमी को भी बढ़ावा देगा।
पर्यावरण के लिए लाभदायक
वाहन कम रुकने से इंतजार कम होगा, जिससे CO2 उत्सर्जन में 20% तक की कमी आएगी। यह कदम पर्यावरण के लिए अच्छा साबित होगा।
फास्टैग एक्टिवेशन
मौजूदा FASTTAG यूजर्स को नया टैग लेने की जरूरत नहीं है। पास को वाहन पंजीकरण संख्या (VRN) से LINK फास्टैग से जोड़ा जा सकता है, बशर्ते वह ब्लैकलिस्टेड न हो। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त से इसे राजमार्ग यात्रा ऐप और NHAI वेबसाइट पर एक्टिवेट कर सकते हैं।
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