जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने से बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत और पाकिस्तानी सेना के बीच नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी हुई। यह गोलीबारी जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी सेना और भारतीय सेना के बीच हुई। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि शाम लगभग 6.30 बजे नौशेरा सेक्टर के कलाल क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार के साथ भारी गोलाबारी और छोटे हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी।
अधिकारी ने कहा, भारतीय सेना ने जोरदार और प्रभावी रूप से जवाब दिया।
दोनों सेनाओं के बीच इसी सेक्टर में भी गोलीबारी हुई थी।” जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं की सुरक्षा हटा दी है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी वाहिद मुफ्ती और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ऐसा निर्णय लिया गया है।
आश्चर्य की बात है कि इस सूची में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अलगाववादियों सैयद अली शाह गिलानी और जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक का भी नाम शामिल है, जिन्होंने हमेशा कहा है कि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिलती है। इसमें एक साल से जेल में बंद शाहिद-उल-इस्लाम और नइम खान का भी नाम है।
राज्य के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह महसूस किया गया कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य के सीमित संसाधनों की बर्बादी है जिनका उपयोग किसी अच्छी जगह पर किया जा सकता है।