National News – संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुई बहस में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
इस के साथ ही राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार के खिलाफ कई मुद्दे उठाए थे। जिसमें एक मुद्दा राफेल सौदे का था। राहुल गांधी द्वारा उठाए गए इस मुद्दे के बाद ये विवादों में आ गया हैं। इस राफेल सौदे को लेकर सब अपने अपने बयान दे रहे हैं। बता दे की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे में गोपनीयता संबंधी समझौते को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि इस लड़ाकू विमान सौदे में निश्चित तौर पर ‘ घोटाला ’ हुआ है.
इस मुद्दे के उठाए जाने के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए इस आरोप को ‘पूरी तरह गलत’ करार दिया था।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत और फ्रांस के बीच 2008 में समझौता हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘यह गोपनीयता का समझौता है।
अब इस राफेल सौदे पर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी का बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहां की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण देश को गुमराह कर रही हैं क्योंकि 2008 में राफेल से कोई समझौता नहीं हुआ था।
2012 में राफेल को एल-1 के तौर पर चुना गया तब 18 रफ़ाल विमान सीधे आने थे और बाकी एचएएल में बनने थे और राफेल बनाने वाली कंपनी तकनीकी ट्रांसफ़र करती हैं। साथ ही उन्होंने कहा की साल 2008 में इसको लेकर कोई समझौता नहीं था इसलिए गोपनीयता की कोई शर्त नहीं थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के बिना सौदा बदला जिसमें विमान की क़ीमत काफ़ी अधिक हो गई।