2020 सिख रेफेरेंडम नमक एप को गूगल ने प्ले स्टोर से हटा दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह मुद्दा उठाया था।
पंजाब में क्राइम ब्रांच ने 9 नवंबर को गूगल के भारत में लीगल सेल के पास यह मुद्दा रखा था, जिसमें गूगल ने माना कि प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस द्वारा अवैध और देश विरोधी गतिविधियों के लिए गूगल के प्लेटफार्म का दुरुपयोग किया गया। इसके बाद गूगल ने अपने प्ले स्टोर से इस एप को हटा दिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया था था कि इस एप के पीछे मंशा स्पष्ट रूप से गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए चल रहे समागमों के दरमियान सिख भाईचारे को दोफाड़ करने का आईएसआई का एजेंडा है।
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से पंजाब में सिख रेफ्रेंडम 2020 के नाम से सीमा पार के कुछ राष्ट्रविरोधी संगठन माहौल खराब करने की कोशिश में हैं। यह प्रदेश और आसपास के इलाकों में आतंक को फिर से जिंदा करने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है। इसी बीच एक मोबाइल एप भी सामने आ गया।
सीएम ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को एप के लांच होने से पैदा हुए खतरे से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल करने को भी कहा था। मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाए थे कि एक कट्टर अलगाववादी ग्रुप को ऐसे एप की मंजूरी गूगल द्वारा कैसे और क्यों दी गई? सीएम ने ऐसे एप को पंजाब की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। इस बात को गंभीरता से लेते हुए गूगल ने अपने प्ले स्टोर से हटा दिया।