उत्तराखंड के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी अपने सरकारी स्कूलों में भगवद गीता के श्लोकों को अनिवार्य कर दिया है। नए निर्देशों के तहत अब राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान छात्र-छात्राओं को गीता के श्लोकों का पाठ करना होगा। इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने सभी स्कूलों को औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
- शिक्षा बोर्ड के मुताबिक, इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को
भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ना है। - गीता के श्लोकों में जीवन के गूढ़ ज्ञान और नैतिकता से जुड़ी बातें समाई हुई हैं,
जिन्हें समझकर युवा पीढ़ी एक जिम्मेदार और संस्कारी नागरिक बन सकती है।

शिक्षकों का समर्थन
प्रिंसिपल ने कहा,
“हमारा मकसद सिर्फ श्लोक पढ़वाना नहीं है, बल्कि बच्चों को उनके
अर्थ समझाकर जीवन में आत्मसात करवाना है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सपना है कि भारत फिर से विश्व गुरु बने,
- उन्होंने आगे बताया कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि एक जीवन-दर्शन है।
इसमें बताया गया है कि कैसे हम अपना आचरण ठीक रखें,
समाज में क्या योगदान दें और जीवन के संघर्षों से कैसे निपटें।
संस्कारी और आदर्श नागरिक बनने की दिशा में कदम
- प्रिंसिपल का मानना है कि अगर बच्चे रोजाना गीता के श्लोकों को पढ़ेंगे और
उनके अर्थ को समझेंगे, तो वे न सिर्फ बेहतर इंसान बनेंगे,
बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। - यह पहल विद्यार्थियों को आत्मविकास और नैतिकता की दिशा में प्रेरित करेगी।
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