तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले में स्थित हृदयलीश्वर मंदिर दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन पा कर कई बड़ी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। हर साल मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है। श्रद्धालु आस्था और अपनी सेहत को अच्छा तरह से तंदुरुस्त रखने के लिए प्राथना करते हैं।
मंदिर का चमत्कार
हृदयलीश्वर मंदिर जो काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का दूसरा नाम दिल के भगवान के अर्थ में है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव पश्चिमी दिशा ओर माता पार्वती दक्षिण दिशा में विराजमान है। यहां भगवान गणेश , सुब्रमण्यम, उनकी पत्नियां वल्ली और देवसेना, चंडिकेश्वर, नटराज और नंदी भी विराजमान है। मंदिर में भक्त भगवान शिव को दूध और फूले चढ़ाकर अपनी बीमारियों से राहत पाने के लिए पूजा करते हैं। इस मंदिर में खास तौर पर सोमवार को हृदय रोगियों की काफी भीड़ होती है।
मंदिर की रोचक कहानी
तिरुवल्लुर के हृदयलीश्वर मंदिर की कहानी खासतौर पर संत पूसालार नयनार से जुड़ी है। पूसालार नयनार संत काफी गरीब थे और शिव जी के भक्त थे, जोकि मंदिर को बनवाने में असमर्थ थे। उन्होंने अपने मन में मंदिर की कल्पना की और भगवान शिव उनकी भक्ति से काफी प्रसन्न हुए। जिसे वजह से इस स्थान पर मंदिर बनवाया, जिसे हृदयलीश्वर नाम दिया गया। यह मंदिर संत पूसालार नयनार की भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
भक्तों के लिए दर्शन का समय
- मंदिर सुबह 6:30 से दुपहर 12:30 बजे तक रहता है।
- शाम 4:30 से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है।
- चिन्नई से ट्रेन या बस द्वारा तिरुवल्लूर रेलवे स्टेशन पहुंचकर मंदिर आसानी से जा सकते हैं।
ये भी पढ़ें: ये मंदिर बना दुनिया का ‘आठवां अजूबा’, इसके रहस्य से वैज्ञानिक भी हैरान