मेडिटेशन की शुरुआत कैसे करें: आसान टिप्स जो हर कोई अपना सकता है
भागदौड़ भरी ज़िंदगी, ऑफिस का प्रेशर और पढ़ाई का तनाव… ऐसे में मन को शांत रखना जितना ज़रूरी है, उतना ही मुश्किल भी लगता है। हालांकि, मेडिटेशन (ध्यान) आपकी लाइफ में बड़ा बदलाव ला सकता है।
मेडिटेशन शुरू कैसे करें? क्या ये मुश्किल है?
इसीलिए, आज जानते हैं कुछ आसान और practically possible स्टेप्स, जिनसे कोई भी मेडिटेशन की शुरुआत कर सकता है।
आरामदायक जगह चुनें
मेडिटेशन के लिए किसी महंगे स्टूडियो की ज़रूरत नहीं है। इसके बजाय, अपने घर का एक शांत कोना, बालकनी या छत पर जगह चुनें।
इतना ही नहीं, ध्यान रखें कि वहाँ शोर कम हो और आप कुछ देर बिना डिस्टर्ब हुए बैठ सकें।
समय कम सही, लेकिन consistency ज़रूरी
शुरुआत में सिर्फ़ 5-10 मिनट भी काफ़ी हैं। वहीं, सुबह उठकर या रात को सोने से पहले ये कुछ मिनट सिर्फ़ अपने लिए रखें।
हालांकि, रोज़ाना करना ज़्यादा ज़रूरी है। consistency से ही असर दिखेगा, इसलिए धीरे-धीरे आदत बनाइए।
सहज और आराम से बैठें
दूसरी ओर, perfect मुद्रा में बैठने की ज़रूरत नहीं है। ज़मीन पर पालथी मारकर या कुर्सी पर सीधे बैठ सकते हैं।
बस रीढ़ की हड्डी सीधी हो और शरीर relaxed रहे – यही सबसे ज़रूरी है।

धीरे-धीरे साँस पर ध्यान दें
शुरू में सोचें नहीं कि ‘मन एकदम शांत हो जाए।’ इसके बजाय, गहरी साँस लें और धीरे-धीरे छोड़ें।
inhale (साँस लेना) और exhale (साँस छोड़ना) की लय को महसूस करें।
अगर मन भटके तो घबराएँ नहीं, बस ध्यान वापस साँस पर ले आएँ। खुद को judge न करें – यही असली practice है।
Distractions को कम करें
इसके अलावा, meditation के वक्त फ़ोन silent या airplane mode पर कर दें।
परिवार को भी बता दें कि कुछ मिनट disturb न करें। वहीं, हल्का instrumental music या nature sounds मदद कर सकते हैं।
Guided meditation से शुरुआत करें
आजकल YouTube, Spotify और meditation apps जैसे Headspace, Calm पर कई short guided meditations उपलब्ध हैं।
किसी की gentle आवाज़ step by step बताएगी कि क्या करना है – इससे शुरुआत आसान हो जाएग
मन भटके तो घबराएँ नहीं
मेडिटेशन के दौरान मन में हज़ारों ख़याल आना बिल्कुल normal है। हालांकि, खुद को डाँटने के बजाय, बस धीरे से ध्यान वापस साँस पर लाएँ।
यही बार-बार ध्यान वापस लाना ही असली practice है, इसलिए धैर्य रखें।
धैर्य और प्यार से करें
जल्दी result की उम्मीद न रखें। धीरे-धीरे मन शांत होगा, नींद बेहतर होगी और stress कम महसूस होगा।
इतना ही नहीं, मेडिटेशन को एक मजबूरी नहीं, खुद से मिलने का समय समझें।
अपनी ज़रूरत के हिसाब से ढालें
किसी को सुबह मेडिटेशन अच्छा लगता है, किसी को रात में। कोई candles जलाकर करता है, कोई open sky के नीचे।
आखिर, जो आपके लिए comfortable और sustainable हो – वही सबसे सही तरीका है।
मेडिटेशन कोई competition नहीं
मेडिटेशन दरअसल खुद को समझने, स्वीकार करने और inner peace पाने का रास्ता है।
धीरे-धीरे आप पाएँगे कि आपका मन हल्का, शांत और पहले से ज़्यादा खुश रहने लगा है।