गौतम गंभीर ने कोचिंग को लेकर खोले अपने विचार
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले अपनी कोचिंग फिलॉसफी पर खुलकर बात की।
वहीं, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट को भारतीय क्रिकेट का सबसे मजबूत आधार बताया।
गंभीर ने कहा कि टीम के लिए हर दिन सीखना और प्रतिस्पर्धा करना जरूरी है।
पुजारा से बातचीत में भावुक हुए गंभीर
इसी बीच, पूर्व साथी और अब कमेंटेटर बने चेतेश्वर पुजारा से गंभीर ने खास बातचीत की। गंभीर ने कहा — “शायद यह पहली बार है जब तीनों विभागों में बदलाव हो रहा है।
मेरे लिए भारतीय क्रिकेट और तिरंगे का सम्मान सबसे बड़ा है।
गौतम गंभीर का नाम मायने नहीं रखता, टीम इंडिया का प्रदर्शन अहम है।”
ड्रेसिंग रूम में हर किसी की राय मायने रखती है

इसके अलावा, गंभीर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम का माहौल सकारात्मक और लोकतांत्रिक होना चाहिए।
हर खिलाड़ी की राय जरूरी है, ताकि टीम मजबूत बन सके।
उन्होंने माना कि हर खिलाड़ी को अपने विचार खुलकर रखने की आज़ादी होनी चाहिए।
परिवार के लिए भी गंभीर ने जताई संवेदना

गंभीर ने टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से पहले अपनी बीमार मां से मिलने के लिए भारत लौटने का फैसला लिया था।
हालांकि, उन्होंने साफ किया कि परिवार की भूमिका बहुत अहम होती है, लेकिन जब आप देश के लिए खेल रहे हों तो हर दिन एक नया स्विच-ऑन मोमेंट होता है।
सफेद गेंद क्रिकेट में सफल, टेस्ट में चुनौती

दूसरी तरफ, गौतम गंभीर ने सफेद गेंद क्रिकेट में शानदार कोचिंग दी है।
उनके मार्गदर्शन में भारत ने 2025 की ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीती और सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में युवा T20I टीम को संभाला।
हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में अब तक उनका रिकॉर्ड कमजोर रहा है।
भारत ने उनकी कोचिंग में 12 टेस्ट में सिर्फ 4 जीते, 7 हारे और 1 ड्रॉ खेला।
घरेलू हार और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में झटका

गंभीर की कोचिंग में भारत को 12 साल बाद न्यूजीलैंड से घरेलू सीरीज़ में 0-3 से हार मिली।
इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया से भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 1-3 से गंवा दी।
इन हारों की वजह से भारत वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी नहीं पहुंच सका।