भारत और ब्रिटेन के बीच चल रहे लंबे समय से अटके मुफ्त व्यापार समझौते (FTA) पर आख़िरकार हस्ताक्षर हो गए है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो अपनी चौथी ब्रिटेन यात्रा पर हैं। इसे “कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (CETA)” नाम दिया गया है। पीएम मोदी ने इसे साझा समृद्धि की योजना बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे भारतीय टेक्सटाइल, आभूषण, समुद्री खाद्य पदार्थ, इंजीनियरिंग और कृषि विभागों को भी ब्रिटेन में बेहतर बाजार मिलेगा।
क्या है समझौता ?
यह समझौता ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता है। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस समझौते ब्रिटिश की अर्थव्यवस्था में हर साल 6.5 अरब डॉलर का फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिससे यह समझौता भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
क्या–क्या होगा सस्ता ?
- ब्रिटेन से आने वाली व्हिस्की, कारें, मेडिकल उपकरण, एयरोस्पेस पार्ट्स, मांस, बिस्किट और चॉकलेट भारत में सस्ते होंगे।
- व्हिस्की पर टैरिफ 150% से घटकर 75 फीसदी तक हो गया है, जो 2035 तक 40% तक होने की संभावना है।
- भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी, सी-फूड और कृषि उत्पाद ब्रिटेन में सस्ते हो जाएंगे।
- ब्रिटेन से आयात पर औसत टैरिफ 15% से घटकर 3% तक होगा।
भारतीय पेशेवरों के लिए क्या होंगे बदलाव
समझौते के तहत भारतीय और ब्रिटिश कर्मचारी, जो अस्थायी रूप से एक-दूसरे के देश में काम करेंगे, केवल अपने देश में सामाजिक सुरक्षा टैक्स देंगे।
ब्रिटिश व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने कहा कि भारतीय कर्मचारियों को रखने से ब्रिटिश कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि वीजा और अन्य खर्चों के कारण भारतीय कर्मचारी सस्ते नहीं होंगे।

किन मुद्दों पर अभी तक हुई बातचीत
- ब्रिटेन को भारत की वित्तीय और कानूनी सेवाओं में उतनी पहुंच नहीं मिली, जितनी वह चाहता था।
- दोनों देश एक निवेश संधि पर बात कर रहे हैं, ताकि एक-दूसरे के निवेश सुरक्षित रहें।
- ब्रिटेन के प्रस्तावित कार्बन टैक्स पर भी चर्चा जारी है, जो भारत के निर्यात को प्रभावित कर सकता है।
सुरक्षा और खुफिया सहयोग
दोनों देश रक्षा, शिक्षा, जलवायु, तकनीक और इनोवेशन में सहयोग पर सहमति जताई है। खुफिया साझेदारी करने और आपराधिक रिकॉर्ड साझा करने का नया समझौता होगा, जो भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और अवैध प्रवास से निपटने में मदद मिलेगी।
कब लागू होगा यह समझौता
भारत की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है, लेकिन संसद की मंजूरी बाकी है। इसे लागू होने में कम से कम एक साल लग सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान“यह समझौता भारत के किसानों, मछुआरों और छोटे उद्यमियों के लिए बड़ा मौका है। इससे भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन में बेहतर बाजार मिलेगा, और भारत में ब्रिटिश उत्पाद सस्ते होंगे।” यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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