भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से अटकी ट्रेड डील को लेकर एक नया मोड़ आया है। अगस्त में अमेरिकी टैरिफ विवाद के कारण से अब मंगलवार को ट्रेड डील को लेकर बैठक होगी। इसके लिए अमेरिकी मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच सोमवार रात भारत पहुंच रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की बातचीत पटरी पर लौट रही है।
यह होगा छठा दौर
ब्रेंडन लिंच दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि हैं। वे 15 देशों की अमेरिकी व्यापार नीति का प्रबंधन करते हैं, जिसमें भारत-अमेरिका ट्रेड पॉलिसी फोरम (TPF) भी शामिल है। वे अपने भारतीय समकक्ष, वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के साथ बैठक करेंगे। अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है और यह छठा दौर होगा।
अमेरिका टीम का भारत दौरा
बता दें कि 25 से 29 अगस्त के बीच अमेरिकी टीम का भारत दौरा तय किया गया था, लेकिन रूस से तेल और हथियार खरीद को लेकर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाए थे। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। इसका कारण भारत की रूसी तेल खरीद को यूक्रेन युद्ध के वित्तपोषण से जोड़ा गया। इससे तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया और बैठक रद्द हो गई।
भारत-अमेरिका की साझेदारी से क्या मिलेगी राहत?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोशल मीडिया पर सकारात्मक संवाद हुआ। बीते सप्ताह ट्रंप ने पोस्ट किया, ‘मुझे विश्वास है कि वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच व्यापार वार्ता सफल होगी। मैं अपने अच्छे दोस्त पीएम मोदी से जल्द बात करने को उत्सुक हूं।’ जवाब में मोदी ने कहा, ‘ट्रंप की भावनाओं की सराहना करता हूं। भारत-अमेरिका की साझेदारी सकारात्मक और भविष्योन्मुखी है।’ इस संवाद ने डील को रफ्तार दी है।
कहां अटकी डील ?
दरअसल, यह मुख्य विवाद अमेरिकी सामानों के लिए भारतीय बाजार खोलने पर है। अमेरिका औद्योगिक उत्पादों, इलेक्ट्रिक वाहनों, पेट्रोकेमिकल्स, वाइन, डेयरी उत्पादों, सेब, ट्री नट्स और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों पर टैरिफ में छूट चाहता है, लेकिन भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र की रक्षा के लिए अड़ा हुआ है। भारत ने अब तक किसी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में डेयरी पर छूट नहीं दी। ये मुद्दे सुलझाने की कोशिश कल मंगलवार की बैठक में होगी।
अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर डील हो गई, तो द्विपक्षीय व्यापार में बड़ा उछाल आएगा। वर्तमान में भारत-अमेरिका व्यापार 190 बिलियन डॉलर से अधिक है। ऐसे में यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करेगा। बैठक के परिणाम पर नजरें टिकी हैं।
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