यूक्रेन ने कहा, शव और घटना पर हर्जाना दें
तेहरान – यूक्रेन के विमान दुर्घटना में ईरानी सरकार का कहना है कि उनकी ही मिसाइलों ने गलती से यात्री विमान को निशाना बना लिया था। इसबारे में ईरान की आर्मी का कहना है कि विमान उनके मिलिटरी एरिया की तरफ बढ़ रहा था, जिसकी वजह से गलती हुई। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स ऐसी हैं जो ईरान के दावे से बिल्कुल अलग हैं, उनसे लगता है कि ईरान अभी भी कुछ छिपा रहा है।
इस बीच यूक्रेन ने ईरान की ओर से गलती माने जाने के बाद कहा,अब सच बाहर आ गया है। ईरान मृतकों के शव हमें सौंपकर घटना पर हर्जाना दे। दरअसल,तेहरान से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यूक्रेन का विमान क्रैश हो गया था। ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा था कि अमेरिका के कारण बनी खराब परिस्थितियों में यह मानवीय भूल हुई।
विमान हादसे में 176 लोगों की मौत हो गई जिनमें ईरान के 82 और कनाडा के 63 नागरिक थे। इसमें ईरान और कनाडा के अलावा यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के चार जबकि जर्मनी और ब्रिटेन के तीन-तीन नागरिक सवार थे। ईरानी आर्मी के बयानों के मुताबिक, उन्होंने प्लेन को दुश्मन का विमान समझा था।
ऐसी गलती कैसे हुई? इसपर अधिकारी ने कहा कि गंभीर हालातों के बीच अमेरिका द्वारा हुए हमले बोइंग फ्लाइट 752 मिलिटरी एरिया की तरफ मुड़ा था। उसकी ऊंचाई और एंगल देखकर ईरानी आर्मी ने दुश्मन का विमान समझ विमान को गिरा दिया गया। ईरान के इस्लामिक रेवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के अधिकारी के दावा किया है कि इस मामले में दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा। वहीं एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया जा रहा हैं कि सैटलाइट फोटो में विमान के रास्ते के आसपास कोई आर्मी बेस नहीं दिख रहा।
जहां विमान से संपर्क टूटा वहां एक पॉवर प्लांट और इंडस्ट्रियल पार्क है।
इसके अलावा इलाका खाली पड़ा हुआ है। फ्लाइट ट्रैकिंग सर्विस फ्लाइटरडार24 के मुताबिक, प्लेन अपने तय रास्ते पर बढ़ रहा था। तीन साल पुराना यह बोइंग विमान ईरानी हमलों की शुरुआत के बाद क्रैश हुआ था। ईरान यह हमले इराक में स्थित अमेरिका के सैन्य अड्डों पर कर रहा था। ये हमले ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी पर अमेरिकी हमले के बाद हुए थे।